यूनाइटेड नेशन ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके लिए अमेरिका ने उस प्रस्ताव को पास कर दिया है जिसमें उसके खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। प्रतिबंध के बाद उत्तर कोरिया के लिए निर्यात पर पाबंदी लग जाएगी। दरअसल, उत्तर कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षणों के बाद कोरियाई प्रांत में गहराते गतिरोध को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
इसका मकसद प्योंगयांग को एक अरब डॉलर की वार्षिक राजस्व जुटाने से वंचित करना है। बता दें कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उत्तर कोरिया के खिलाफ उठाया गया यह पहला बड़ा कदम है। उत्तर कोरिया निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था है और इस फैसले से उसके राजस्व को बड़ी क्षति होगी।
अमेरिका का यह प्रस्ताव उत्तर कोरिया के सहयोगी चीन के लिए बड़ा झटका है। चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अमेरिकी प्रस्ताव में नकदी पर निर्भर उत्तर कोरिया से मछलियों और सीफूड के साथ-साथ कोयला, लौह, लौह अयस्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया है।
यूएन के इस प्रस्ताव को अगर सभी देश लागू कर देते हैं तो इससे उत्तर कोरिया को हर साल निर्यात से होने वाली तीन अरब डॉलर की कमाई में एक तिहाई आय कम हो जाएगी। अमेरिका और चीन के बीच करीब एक महीने तक चली बातचीत के बाद उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का मसौदा तैयार हुआ है।