रोबोट छिन सकते है रोजगार, एक करोड़ नौकरी जाने का खतरा
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दुनिया ने टेक्नोलॉजी की फील्ड में इतनी तरक्की कर ली है जिसे बयां करना मुश्किल है। आज हमारे आधे से ज़्यादा काम टेक्नोलॉजी के दम पर होते है। देखा जाए तो टेक्नोलॉजी के बिना आज हम कुछ भी नहीं है। टेक्नोलॉजी ने एक तरफ हमारा जीना आसान किया है तो साथ ही हमे शारीरिक मेहनत से भी आराम दिलाया है।
साइंटिस्टों ने आज ऐसी कई तकनीक इजाद कर ली है जिनसे आपका काम बैठे-बैठे अपने आप हो जाएगा। इसमें सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं ‘रोबोट’। रोबोट के बारे में तो आप सब जानते ही हैं अगर नहीं भी जानते है तो हम आपको बताते हैं, कुछ सालों पहले ही रजनीकांत की एक फिल्म आई थी ‘रोबोट’ हम बात उस रोबोट की नहीं कर रहे है हम बात कर रहे है उन रोबोट की जिन्हें इस फिल्म में प्रयोग किया गया था।
साइंटिस्टों ने आज ऐसे रोबोट बना दिए है जो दुनिया का मुश्किल से मुश्किल काम कर सके। रोबोट ऐसा काम भी कर सकते है जिसे करने में इंसान और कंप्यूटर दोनों ही मात खा जाए। अभी तक ऐसे रोबोट बनाए जा चुके है जो आपके साथ रहे सके, आपका ध्यान रख सके, आपके घर के काम कर सके, शरीर का ऑपरेशन कर सके, प्रग्नेंट महिलाओं की डिलीवरी भी कर सके।
कुछ ही दिन पहले एक ऐसा रोबोट भी बनाया गया जो बैंक में एक बैंक कर्मचारी की तरह काम कर सके। यह रोबोट बैंक के कस्टमरों की मदद करने के लिए इजाद किया गया हैं जल्द ही बैंकों में आप इस रोबोट को भी देख पाएंगे। आप सोच रहे होंगे न रोबोट कितने कमाल की चीज़ होती है इंसान को तो काम ही नहीं करना पड़ेगा। लेकिन इंसान काम नहीं करेगा तो कमाएगा कैसे?
रोबोट की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए ये प्रश्न दिमाग पर जोरो से वार करता है कि अगर रोबोट ही सब काम करने लगे तो दुनिया में इंसानों के लिए नौकरियां खत्म होने लगेगी। ये काल्पनिक बात नहीं है एसोसियेटेड चैंबर्स ऑफ कामर्स (एसौचैम) ने भी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में अगले पांच साल में करीब दस लाख नौकरियां रोबोट छीन सकते है।
एसौचेम के अनुसार वैश्विक स्तर पर जिस तरह की औधोगिक क्रांति हो रही है उससे स्वचालन रोबोटिक्स, थ्री डी प्रिन्टिंग, कृत्रिम बुद्धि, जीनोमिक्स के रूप में नुकसानदेह प्रौद्योगिकियां भी सामने आ रही है। इसकी वजह से एक बड़ी संख्या में नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। एसौचम ने सरकार, उद्योग क्षेत्र तथा प्रबुद्ध वर्ग के बीच एक साझेदारी विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
वैसे एसौचेम का अंदाज़ा भी सही है। अगर रोबोट की आवश्यकता ज़्यादा बड़ गई और वो इंसानों से भी बेहतर काम करने लगे तो इंसानों के लिए तो नौकरियां ही खत्म हो जाएगी। भारत में जिस तरह आजादी के बाद मशीनरी आने से कई इंसानों की नौकरियों पर खतरा आया था उससे भी भयानक खतरा अब रोबोट के आने से आ सकता है।
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