गरीबी हटाने के लिए इस इंडियन कंपनी को मिली यूएन से सराहना
भारत सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए कई सारे प्रोग्राम चला रही है। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि देश में गरीबी को पूरी तरह हटाया जा सके। इसके लिए रोजगार और बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कई सारी स्कीम्स चलाई जा रही है। गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में ही टाटा समूह ने काफी सराहनीय काम किया है।
17 लक्ष्य शामिल
हाल ही में एक रिपोर्ट ‘फ्यूचर ऑफ स्पेशशिप’ जारी हुई है। इस रिपोर्ट को कई क्षेत्रों में टेक्निकल सलाह देने वाली नार्वे की ग्लोबल कंपनी डीएनवी जीएल ने यूएन के 17 महत्वकांक्षी लक्ष्यों के लिए जारी किया है। जिसमें टाटा समूह को गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में काम करने के लिए सराहा गया है। इसमें बताया गया है कि टाटा गरीबी उन्मूलन की दिशा में सराहनीय काम कर रहा है।
17 ग्लोबल कंपनियां शामिल
किफायती कीमत पर वस्तु एवं सेवा प्रदान करके, रोजगार सृजन करके और कई समाजसेवा कार्यों से जुड़कर देश का अग्रणी औद्योगिक समूह टाटा समूह गरीबी उन्मूलन की दिशा में सराहनीय काम कर रहा है। रिपोर्ट में ऐसी 17 वैश्विक कंपनियों के बारे में बताया गया है,जो संयुक्त राष्ट्र के महत्वाकांक्षी 17 लक्ष्यों में से एक की पूर्ति के लिए सराहनीय काम कर रही हैं। इन कंपनियों में टाटा समूह का नाम भी है, जिसकी गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य की दिशा में सबसे बेहतर काम करने की सराहना की गयी है।
टाटा ने निभाई चुनौतीपूर्ण भूमिका
रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सभी लक्ष्य चुनौतीपूर्ण हैं लेकिन कई कंपनियां इसे हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं। टाटा समूह ने अपनी कंपनी तथा अपनी आपूर्ति श्रृंखला में रोजगार सृजन करके, किफायती कीमत पर गरीबों को उत्पाद उपलब्ध कराके तथा कई समाजसेवा कार्योँ से जुड़कर गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश की है। टाटा समूह के कारोबार में पर्यावरण, समाज और नैतिक सिद्धांतों का तानाबाना है और समाज को कुछ देने की संस्कृति इसके संस्थापक जमशेद जी टाटा ने शुरू की थी।
2030 तक समस्याओं से निपटने का पूर्वानुमान
वर्ष 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के 17 लक्ष्यों की पूर्ति किस हद तक हो पायेगी, इसका पूर्वानुमान बताने के लिए डीएनवी जीएल ने प्रोजेक्ट शुरु किया। अपने विश्लेषण तथा 17 वैश्विक कंपनियों से मिली जानकारी के आधार पर डीएनवी जीएल ने यह रिपोर्ट जारी की । टाटा समूह के अतिरिक्त इन 17 कंपनियों में डैनन, हाईटेक्नोलॉजी, एआरएम, सिमेन्टेक, ग्रुंफोस, सोलर वर्ल्ड, एनवाईके, हाइड्रो, सफारीकॉम, सीमेन्स, मार्क्स एंड स्पेंसर, इबरड्रोला, सरमैक, एपीपी, कैल्वर्ड इनवेस्टमेंट तथा यूनिलिवर शामिल हैं। टाटा ग्लोबल सस्टैनिब्लिटि काउंसिल के अध्यक्ष डॉ मुकुंद राजन का कहना है कि संरा के लक्ष्य ने दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक तथा पर्यावरणीय चुनौतियों की ओर कारपोरेट वर्ल्ड का ध्यान आकर्षित किया है और साथ ही इन चुनौतियों के उचित समाधान को ढूंढने का अवसर प्रदान किया है ।
विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के कारण टाटा समूह रोजगार के अवसर मुहैया कराने और सामाजिक समावेशन के प्रोत्साहन में अच्छी भूमिका अदा कर पाता है। सयामाजिक समावेशन की दिशा में टाटा समूह की ऐसी ही एक पहल है ‘टाटा अफर्मेटिव एक्शन प्रोग्राम’। इसे 2007 में शुरु किया गया और इसके जरिये समूह हाशिये पर रहने वाले लोगों को शिक्षित करता है और उन्हें रोजगार मुहैया कराकर सशक्त करता है।
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