आए दिन नोटबंदी से लोगों को हो रही तमाम तहर की परेशानियों की ख़बर आ रही है। नोटबंदी के चलते कहीं रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए उधारी से काम चल रहा है तो वहीं शादी वालों घरों में भी कम से कम खर्च में शादी हो रही है। लेकिन उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। अलीगढ़ के नहरौला गांव के रहने वाले पूरन शर्मा ने पैसों की कमी से तंग आकर अपनी नसबंदी करा ली।
दरअसल जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार नसबंदी को बढ़ावा देती है। इसी नीति के तहत उत्तर प्रदेश में नसबंदी कराने वाले पुरूष को 2000 रुपए और महिला को 1400 रुपए दिए जाते हैं। पूरन शर्मा मिस्त्री हैं, उनके 2 बेटे और 1 बेटी है। पूरन के मुताबिक जब उन्हें कहीं से पैसे मिलने की उम्मीद नहीं रह गयी तो उन्होने अपनी नसबंदी कराने का फैसला किया।
पूरन शर्मा ने बताया, ’’नोटबंदी के बाद मेरे पास पैसों की कमी थी। मेरे पास न तो कोई जमीन है और न ही कोई और तरीका। जब मुझे पता चला कि नसबंदी कराने के बाद सरकार से 2000 रुपए मिलते हैं तो मैंने नसबंदी कराने का फैसला किया।’’
क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों के मुताबिक, अलीगढ़ और आगरा जिलों में इस महीने नसबंदी करवाने वालों की संख्या में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है। माना जा रहा है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा होने के बाद नसबंदी करवाने के मामलों में तेजी आई है।
अलीगढ़ की बात करें तो पिछले महीनों के मुकाबले नवंबर में यहां दोगुने लोगों ने नसबंदी करवाई। पिछले साल नवंबर में जहां कुल 92 लोगों ने नसबंदी कराई थी, वहीं इस नवंबर में अब तक 176 लोग नसबंदी करवा चुके हैं। यह महीना खत्म होने में अभी भी 4 दिन बाकी हैं। इसी तरह आगरा में भी पिछले नवंबर में जहां 450 लोगों ने नसबंदी करवाई थी वहीं इस साल नवंबर में अब तक यहां 904 महिलाएं और 9 पुरुष नसबंदी करवा चुके हैं।
आगरा के परिवार नियोजन विभाग में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शेर सिंह ने बताया कि अलीगढ़ में इस साल 2,272 लोगों ने नसबंदी करवाई है, जिनमें से 913 मामले केवल नवंबर के हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सर्दी के दौरान नसबंदी के मामलों में हल्की तेजी देखी जाती है क्योंकि लोग सोचते हैं कि ठंड में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
सभी आंकड़े टाइम्स ऑफ इंडिया से लिए गए हैं।