परेशान होकर वेनेजुएला ने टाला नोटबंदी का फ़ैसला
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भारत की ही तरह वेनेजुएला की सरकार ने भी नोटबंदी का फ़ैसला लिया था। सरकार के इस फ़ैसले से देश के हालात बद से बदतर हो गए। कैश की किल्लत से जूझते लोगों ने हिंसक प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। देशभर के कोने-कोने से लूटपाट और पुलिस से मारपीट के मामले सामने आने लगे। देश में इस तरह के बिगड़ते हालातों से तंग आकर महज आठ दिन में ही सरकार को अपना फ़ैसला वापस लेना पड़ा। हालांकि इस फ़ैसले को पूरी तरह से वापस नहीं लिया गया है। इस मसले पर वेनेजुएला की सरकार की ओर से कहा गया है कि, नोटबंदी के फ़ैसले को दो जनवरी तक अमल में नहीं लाया जाएगा। सरकार आगे क्या नीति अपनाने वाली है इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
वेनेजुएला को इंटरनेशनल लेवल पर बर्बाद करने की साजिश’
टेलीविजन पर एक प्रोग्राम में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कहा कि वेनेजुएला को बर्बाद करने की इंटरनेशनल लेवल पर साजिश हुई है। मादुरो का दावा है कि 500 बोलिवर के नए नोटों को समय पर नहीं पहुंचाया गया। 100 बोलिवर के नोट हटाने के फ़ैसले के बाद यहां के सेन्ट्रल बैंक ने 15 दिसम्बर से 500 और 20000 बोलिवर के नए नोट जारी करने की घोषणा की थी। बहरहाल, नोटबंदी के फ़ैसले को वापस लेने के सरकार के फ़ैसले से लोगों में खुशी का माहौल है।
मादुरो को मिली थी धमकी
भारत की ही तरह वेनेजुएला में भी विपक्ष ने सरकार के नोटबंदी के फ़ैसले की जमकर आलोचना की। यहां तक की विपक्ष ने राष्ट्रपति मादुरो को धमकी भी दी। मादरो को धमकी देते हुए विपक्ष ने कहा कि वह छह साल तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे। मादुरो का कार्यकाल 2019 में खत्म होना है।
मोदी की तरह ही मादुरो ने भी अचानक किया था फ़ैसले का एलान
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही तरह वेनेजुएला के प्रेसिडेन्ट मादुरो ने 11 दिसम्बर को टेलीविजन पर अपने शो ’कॉन्टैक्ट विद मादुरो’ में नोटबंदी के फ़ैसले का एलान किया था। उन्होंने कहा था, ”माफिया ने 100 बोलिवर के अरबों नोट छिपा कर रखे हैं। ये नोट कोलंबिया और ब्राजील के शहरों में भी हैं।”बता दें कि भारत की ही तरह वेनेजुएला भी कालेधन और भ्रष्टाचार जैसे परेशानियों से जूझ रहा है।
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