देश में वीआईपी कल्चर पर लगाम लगाने की कोशिश तो कई बार हुई है, लेकिन खुद सरकार इसमें फेल होती नजर आती है। 2014 में भी जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बातें तो खूब हुईं, लेकिन देश में वीआईपी लोगों की संख्या घटने के बजाय और बढ़ ही गई।
सरकार द्वारा जारी की गई नई लिस्ट के अनुसार वर्तमान में देश में 475 से ज्यादा वीआईपी हैं, जबकि यूपीए सरकार के राज में इनकी संख्या कुल 330 थी। लिस्ट के अनुसार अभी 55 नेताओं को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है, जो यूपीए के दौरान केवल 20 लोगों को मिली हुई थी। इस सुरक्षा में 35-40 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। अभी 60 लोगों को जेड केटेगरी की सुरक्षा मिली है, जो यूपीए सरकार के दौरान केवन 26 लोगों को मिली थी। वहीं वाई प्लस सुरक्षा 145 लोगों को मिली है। इसमें करीब 11 जवान तैनात रहते हैं। एक्स कैटेगरी की सुरक्षा अभी केवल 68 लोगों को मिली है। जिसमें दो सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से 299 लोगों को सुरक्षा दी गई है। जबकि यूपीए सरकार के समय केवल 250 लोगों को ये सुरक्षा मिली थी।
अब कांटी छांटी जाएगी वीईआईपी लोगों की लिस्ट-
अब जल्द ही वीआईपीज की बढ़ती संख्या घट सकती है। सरकार इस लिस्ट में कुछ काट छांट करके कम लोगों को वीआईपी कल्चर के दायरे में रखेगी। इसमें लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव का नाम खासतौर से शामिल है। अभी देश में 15 हस्तियों को एनएसजी सुरक्षा मिली है उनमें केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, मायावती, एम करुणानिधि, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, फारूक़ अब्दुल्ला और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हैं।
एक्स और वाई कैटगरी में भी कमी हो सकती है. वहीं 75 लोगों को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है जिनमें अमित शाह, नितिन गडकरी, रमन सिंह और लालू प्रसाद के नाम शामिल हैं।वहीं उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और सुप्रीम कोर्ट के जजों समेत 18 लोगों को आईटीबीपी की सुरक्षा मिली हुई है।राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू और वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत 75 लोगों को सीआईएसएफ की सुरक्षा दी गई है।
बता दें कि लोगों में वीआईपी कल्चर का मोह खत्म करने के लिए पीएम मोदी ने खुद एक प्लान तैयार किया था। जिसके तहत उन्होंने किसी भी वाहन पर लाल और नीली बत्ती ना लगाने का आदेश दिया था। कुछ समय तक तो इस पर अमल हुआ लेकिन इस आदेश के बाद भी वीआईपी कम होने के बजाए बढ़ रहे हैं।