सेना के अभ्यास पर भड़कीं ममता, दिया ये बयान
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नोटबंदी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार से नाराजगी बढ़ती जा रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ सभा करने के बाद एक बार फिर ममता ने मोदी सरकार को घेरा है। लेकिन इस बार ममता ने सरकार के साथ ही सेना के अभ्यास पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए ममता ने राज्य के विभिन्न टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। ममता का कहना है कि राज्य सरकार को बिना सूचना दिए सेना को तैनात किया जाना एक गंभीर मुद्दा है। इस स्थिति को ममता ने ‘सैन्य तख्तापलट’ करार दिया है।
इतना ही नहीं ममता का कहना है कि मौजूदा हालात आपातकाल जैसे बनाए गए है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा, ’जब देश में इमरजेंसी लगाई जाती है तो केंद्र सरकार राज्यों की कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में ले लेता है। राष्ट्रपति इमरजेंसी की घोषणा करते हैं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने सेना की जीप तैनात करने से पहले राज्य को अपने विश्वास में नहीं लिया है।
राज्य के सचिवालय पर ममता ने डाला डेरा
मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलते हुए ममता ने राज्य के सचिवालय पर डेरा डाल लिया है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि, जब तक सेना नहीं हटेगी, तब तक वे भी राज्य सचिवालय नवान्न से नही हटेंगी। बता दें कि दिल्ली और कोलकाता को जोड़ने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्ग के डानकुनी और पालसिट टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती की गई है। सरकार के इस फ़ैसले से ममता का गुस्सा फूट पड़ा है।
उन्होंने केंद्र पर संघीय ढांचे और लोकतंत्र को आघात पहुंचाने का आरोप लगाया और सवाल किया कि क्या अघोषित आपातकाल लागू हो गया है? इतना ही नहीं सीएम ममता का कहना है कि पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों के साथ नये नोटों के वितरण की प्रक्रिया में भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि रिजर्व बैंक इस संबंध में आंकड़ों के साथ सामने आए। 100 और 50 रुपये के नोट नहीं मिल रहे हैं। ममता ने मांग की है कि उन्हें इस बात की जानकारी दी जाए कि रिजर्व बैंक ने किस राज्य को कितने रुपये भेजे हैं।
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