जानिए क्या है टैक्स हैवन और ऑफशेर कंपनियां
टैक्स हेवन देश कहे जाने वाले पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका के खुफिया दस्तावेज लीक होने के बाद से देश और विदेशों दोनों में ही तहलका सा मच गया है। इसमें दुनियाभर के कई दिग्गज नेता, कारोबारी और सेलेब्रिटीज इसके लपेटे में आ गए हैं। जानिए आखिर टैक्स हैवन क्या होता है और लोग इसका इस्तेमाल क्यों करते है।
क्या है टैक्स हैवन
टैक्स हैवन उन देशों कहा जाता है जिन देशों में टैक्स ना के बराबर लगता है या लगता ही नहीं है। अगर पनामा की बात की जाए तो इसे इसलिए भी टैक्स हैवन कहा जाता है क्योंकि यहां के टैक्स सिस्टम के तहत आने वाले टैरेट्रियल सिस्टम के मुताबिक, रेसिंडेंट और नॉन रेसिडेंट कंपनियों से तभी टैक्स वसूला जाता है, जब इनकम देश में ही जेनरेट हुई हो। वैसे यहां कॉर्पोरेशन टैक्स सिस्टम भी है। वैसे फॉरेन इन्वेस्टमेंट पर पनामा में कोई टैक्स नहीं लगता। जिसकी वजह से लोग यहां पर छुपा कर अपना पैसा इंवेस्ट करते हैं।
क्या है ऑफशेर
ऑफशेर कंपनियां उन्हें कहा जाता है जो कर, वित्त और कानूनी फायदे के लिए टैक्स हैवन देशों में गुप्त रूप से कंपनियां खोलते हैं। ये कंपनियां कॉर्पोरेट टैक्स, इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स जैसे कई प्रकार के टैक्स से बच जाती हैं। जिसकी वजह से कई लोग इन देशों में जाकर अपनी कंपनियां शुरू करते हैं ताकि वो इन सब चीजों से बच सकें। अगर ऐसी कंपनियों की बात की जाए तो पनामा में 3,50,000 से ज्यादा सीक्रिट इंटरनैशनल बिजनेस कंपनियां रजिस्टर्ड बताई जाती हैं।
ये देश कहे जाते हैं टैक्स हैवन
स्विटजरलैंड, हॉन्गकॉन्ग, मॉरीशस, मोनाको, पनामा, अंडोरा, बहामास, बरमूडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, बेलीज, कैमेन आइलैंड, चनाल आइलैंड, कुक आइलैंड, लिश्तेनश्टाइन जैसे देश टैक्स हैवन देशों की सूची में आते हैं।
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