नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सेंट पीटर्सबर्ग में इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में अपनी स्पीच दी। इसके बाद मोदी और पुतिन इंटरैक्टिव सेशन में सवालों के जवाब दे रहे थे। अमेरिकन जर्नलिस्ट मेगिन कैली इस प्रोग्राम की एंकरिंग कर रही थी। कैली ने मोदी से US के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में रशिया के दखल पर सवाल किया। जवाब में मोदी ने कहा कि आप इतने बड़े-बड़े लोगों के बात कर रही हैं, जिन्हें मेरे जैसे वकील की जरूरत नहीं है। मोदी की इस बात पर जमकर ठहाके लगे। बता दें कि मोदी जर्मनी और स्पेन के बाद रूस के 2 दिन के दौरे पर थे।
मोदी से पहले पुतिन ने ली चुटकी – ‘मोल्डोवन प्रेसिडेंट से पूछिए’
सवाल-जवाब के सेशन के दौरान अमेरिकन जर्नलिस्ट मेगिन कैली ने पूछा कि प्राइम मिनिस्टर मोदी! प्रेसिडेंट पुतिन ने हाल ही में कहा था कि रूस कभी भी दूसरे देशों में होने वाले चुनावी प्रक्रिया में दखल नहीं देता। क्या आप इस बात पर यकीन करते हैं? इस सवाल को सुनने के बाद पुतिन ने सिर हिलाया और मुस्कुरा दिए। वहां मौजूद लोग भी हंसने लगे। पुतिन ने मजाक में कहा कि मोल्डोवन प्रेसिडेंट से पूछिए। वे असलियत जानते हैं। इतना कहते ही ठहाका लग गया। पुतिन के इस कमेंट के मायने ईस्टर्न यूरोपीय देश मोल्डोवा में पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव से थे। वहां सोशलिस्ट नेता इगोर डोडोन जीते हैं, जो रूस के बेहद करीबी माने जाते हैं।
जोरदार ठहाके के साथ जमकर तालियां बजी
इसके बाद मोदी ने कहा कि आप अमेरिका की, जर्मनी की, रशिया की, US प्रेसिडेंट ट्रम्प की, हिलेरी क्लिंटन की, जर्मनी की चांसलर मर्केल की, प्रेसिडेंट पुतिन की… ऐसे-ऐसे बड़े-बड़े लोगों की बात कर रही हैं। मुझे नहीं लगता कि मेरे जैसे वकील की इन लोगों को जरूरत है। मोदी के इतना कहते ही जोरदार ठहाका लगा। लोगों ने जमकर तालियां बजाई।
मोदी की फिलॉसफी बहुत बड़ी, जो सोचते हैं – कह देते हैं
मोदी के जवाब पर एंकर ने कहा- हां। हमें कभी बेबाक वकीलों की जरूरत ही नहीं पड़ती। आखिर में पुतिन ने भी मोदी को सपोर्ट करते हुए कहा कि वे बहुत हाजिर जवाब हैं। हिंदी में वे कहते हैं, तो आप अंदाज नहीं लगा सकते। लेकिन उनकी फिलॉसफी बहुत बड़ी है। हम तो सिम्पल लोग हैं। वे जो सोचते हैं, कह देते हैं।
क्या है पुतिन और US इलेक्शन का सम्बन्ध
जनवरी 2017 में US इंटेलिजेंस एजेंसियों ने प्रेसिडेंशियल इलेक्शन पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि प्रेसिडेंट इलेक्शन में रूस ने दखल दिया था। इलेक्शन कैम्पेन को ट्रम्प के पक्ष में करने के लिए हैकिंग हुई थी। पुतिन हमेशा इन आरोपों को नकारते रहे हैं, पर पिछले दिनों उनके मुंह से निकल ही गया था कि कुछ रूसी देशभक्त ऐसा कर सकते हैं।