Thursday, August 31st, 2017
Flash

किसने डिजाइन किया है परमवीर चक्र, जानकर चौंक जाएंगे आप




Social

Sponsored




देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न के बाद यदि किसी पुरस्कार को माना जाता है तो वे है परमवीर चक्र । ये सम्मान भारत में सैनिकों को दिया गया वो सममान है जो दुश्मनों से लड़कर खुद को देश के लिए शहीद कर देते हैं। यह उन शहीदों की शूरवीरता और त्याग के लिए प्रदान किया जाता है। खास बात ये है कि ज्यादातर स्थितियों में ये सम्मान मरने के बाद किसी सैनिक को दिया जाता है। इसकी स्थापना 26 जनवरी 1950 में हुई थी। इससे पहले जब भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के अंडर काम करती थी, तब सेना का सबसे बड़ा सम्मान विक्टोरिया क्रॉस हुआ करता था। लेकिन भारत के सैनिकों को मिलने वाला यह सम्मान किसने डिजाइन किया से कभी सोचा है आपने।
Image result for savitri khanolkar design param veer chakra

अगर देखा जाए, तो दिमाग में यही आएगा कि ये परमवीर चक्र किसी भारतीय ने ही डिजाइन किया होगा, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये परमवीर चक्र किसी भारतीय ने नहीं, बल्कि विदेशी महिला ने डिजाइन किया था। उनका नाम था सावित्री खानोलकर। दिलचस्पी वाली बात ये है कि तब से लेकर अब तक इस चक्र के डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है।घरवालों की मर्जी के बिना की शादी और बदला धर्म-

सावित्री खानोलकर की कहानी भी बड़ी दिचस्प है। उन्होंने माता-पिता के विरोध के बावजूद भी भारतीय सेना के कैप्टन विक्रम खानोलकर से शादी की थी और बाद में हिंदू धर्म भी अपना लिया था। आपको बता दें कि सावित्री का असली नाम ईवावोन लिंडा मेडे मारोस था। उनका जन्म 20 जुलाई 1930 को स्विटजरलैंड में हुआ था।

Image result for savitri khanolkar design param veer chakra

 

न सिर्फ नाम बदला, बल्कि अपनाएं हिंदू रीति-रिवाज

सावित्री खानोलकर ने शादी के बाद न केवल अपना धर्म बदला बल्कि नाम के साथ हिंदू रीति-रिवाजों को भी अपनाया। विक्रम खानोलकर मराठी थे, तो उन्होंने पूरी ईमानदारी से उनकी परंपराओं को अपनाया और इसी तरह उन्होंने हिंदी, संस्कृत और मराठी भाष ामें महारत हासिल कर ली। सावित्री बाई कहती थी कि गलती से उन्होंने यूरोप में जन्म ले लिया, उनकी आत्मा पूरी तरह से भारतीय है। हिंदू धर्म में उनकी बहुत रुचि थी और इसलिए उनके  पास इससे जुड़ी बहुत जानकारियां थी। उनकी इसी जानकारी की वजह से इंडियन आर्मी की तरफ से मेजर जनरल हीरालाल अटल ने परमवीर चक्र का डिजाइन  करने की जिम्मेदारी सौंपीं। पति की मृत्यु के बाद सावित्री बाई अध्यात्म की ओर मुड़ गईं। वह दार्जिलिंग के राम कृष्ण मिशन में चली गईं। 26 नवम्बर 1990 को उनका देहान्त हो गया।

Sponsored



Follow Us

Yop Polls

तीन तलाक से सबसे ज़्यादा फायदा किसको?

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories