नई-नई जगहों पर घूमना किस को पसंद नहीं होता। हमें कहीं भी जाना हो हमारी मंजिल हाइवे के लंबे रास्तों से होकर ही गुजरती है। हाइवे में कई सारी चीज़ें पड़ती है जिन पर हम अक्सर ध्यान नहीं देते। उन्हीं चीज़ों में एक चीज़ है ‘पेड़’। आपने देखा होगा कि सड़क के किनारे लाइन बाय लाइन पेड़ लगे होते हैं और पेड़ों पर अक्सर सफेद और लाल रंग पुता हुआ होता है। ऐसा क्यों होता है क्या आप जानते हैं?
विश्व बैंक देती है फंड
सबसे पहली बात तो आपको ये बता दें कि सड़क किनारे जो पेड़ आपको दिखते हैं वो सरकार की ही एक योजना ‘सामाजिक वानिकी योजना’ का काम है। इस योजना के अंर्तगत सड़क के किनारे पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। इसके लिए फंड विश्व बैंक देती है और इनके रखरखाव का काम पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का होता है।
दरारों से बचाया जा सके
सड़क किनारे लगे इन पेड़ों को रंगने का काम भी पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का ही होता है। ये पेड़ों को सफेद और लाल रंगों में रंगने का काम करते हैं। पेड़ों के तनों को सफेद पेंट करने का सबसे अहम कारण ये है कि ऐसा करने से पेड़ की छालों में दरारों को बचाया जा सकता है।
कीड़ों के हमले से बचाव
ये दरारें आसानी से कीड़ों और फंगस को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस सफेद पेंट से कीड़ों के हमलों से पेड़ को बचाया जा सकता है और अगर कुछ डैमेज हुआ तो उसे भी हाईलाइट किया जा सकता है।
सूर्य की तीखी किरणों से बचाव
इसके अलावा पेड़ों को रंगने के पीछे ये भी कारण बताया जाता है कि पेड़ों की संवेदनशनील छालों को भी सूर्य की तीखी किरणों से बचाया जा सकता है।
रात में नज़र आ सके पेड़
अगर आपने ध्यान दिया हो तो हाइवे के सामने वाले पेड़ों को भी सफेद पेंट किया जाता है ताकि ये रात के समय नज़र आ सकें। तो अब तो आप जान गए होंगे कि पेड़ों को क्यों लाल और सफेद रंगों से रंगा जाता हैं।