हो सकता है कोई देश पूरी दुनियां में अपना प्रभाव ज़माने में सफल रहा हो, लेकिन यह प्रभाव भी सकारात्मक या नकारात्मक के पैमाने पर किस कसौटी पर बैठता है, यह बात ज्यादा अहम् हो जाती है। मतलब यह की किसी देश की पहचान उसकी अच्छाई से है या उसकी बुराई से यह बात उसकी वैश्विक गुडविल अथवा साख को निर्धारित करती है। भारत दुनिया के सामने अपनी सद्वृत्तियों के कारण एक उम्दा गुडविल बनाने में सफल रहा है।
भारत 7वें स्थान पर
अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सर्वे में दुनिया के शीर्ष सकारात्मक प्रभाव वाले देशों में अमेरिका को खराब रेटिंग दी गई है। अमेरिका का पड़ोसी कनाडा इस सर्वे में सबसे ऊपर है जबकि डोकलाम मसले पर सोमवार को चीन से अपनी बात मनवाने वाला भारत सकारात्मक प्रभाव वाले देशों के इस सर्वे में अमेरिका और चीन से ऊपर है। भारत 53% लोगों की पसंद के साथ चीन से एक पायदान ऊपर है। विश्व पटल पर 12 प्रभावशाली देशों की इस सूची में भारत 7वें स्थान पर है। चीन को 8वां स्थान मिला है जबकि अमेरिका इस सर्वे में 9वें स्थान पर है।
ये है इन बड़े देशों की गुडविल
इस सर्वे के बाद चौंकाने वाला यह तथ्य सामने आया कि अमेरिका का दुनिया में दबदबा तो है, लेकिन यह दबदबा पॉजिटिव नज़रों से नहीं देखा जाता। साफ तौर पर जाहिर है कि अपनी जो महानता अमेरिका जाहिर करता है, लोग उसे उतना महान नहीं मानते। lpsos MORI के नए सर्वे में 25 देशों के 18 हजार लोगों से जवाब मांगा गया था। इसमें से केवल 40% लोगों का ही मानना था कि अमेरिका का वैश्विक पटल पर सकारात्मक प्रभाव है। इस मामले में अमेरिका चीन से भी पीछे है। चीन को 49% लोगों ने वैश्विक पटल पर प्रभावी माना है। रूस को केवल 35% लोग ही दुनिया में सकारात्मक प्रभावी मानते हैं।
पिछले साल के सर्वे की तुलना में अमेरिका की रेटिंग में 24% की भारी गिरावट आई है। कनाडा 81% वोट के साथ शीर्ष पर है। ऑस्ट्रेलिया को 79% लोगों ने वैश्विक पटल पर सकारात्मक प्रभावी माना है। वहीं, जर्मनी को 67% लोगों ने सकारात्मक प्रभावी माना है। फ्रांस 59% के साथ 4थे और इंग्लैंड 57% लोगों की पसंद के साथ 5वें नंबर पर है।