अपने काम के बोझ को कम करने के इरादे से 85 वर्षीय ई. श्रीधरन ने पिछले महीने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले थे और लखनऊ और कानपुर मेट्रो प्रॉजेक्ट्स के लिए सलाहकार की भूमिका से इस्तीफा देने की पेशकश भी की, लेकिन इसके उलट योगी ने उन्हें और काम पकड़ा दिया। इसके बाद श्रीधरन कोच्चि लौट गए। कोच्चि में DMRC ऑफिस के कॉन्फ्रेंस रूम में श्रीधरन ने बताया कि सीएम योगी आदित्य नाथ ने कहा कि मैं आपको इस्तीफा देने नहीं दे सकता। मैं वाराणसी, आगरा, मेरठ और गोरखपुर को भी आपके काम में जोड़ रहा हूँ। श्रीधरन लंबे समय से मेट्रो के लिए काम कर रहे हैं, जिसके कारण मेट्रो मैन के रूप में जाना जाता है। श्रीधरन ने कहा कि गोरखपुर, आगरा और मेरठ में मेट्रो के लिए सर्वे शुरू हो गया है। लखनऊ में 10.5 कि.मी. की पहले फेज की मेट्रो बनकर तैयार है, सिर्फ मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा उसका निरीक्षण होना बाकि है।
शहरों को सर्वाइव करना है, तो मेट्रो का होना जरूरी
यूपी में मेट्रो की योजना के बारे में श्रीधरन ने बताया कि कानपुर में डिपो बनकर तैयार है। इसके अलावा वाराणसी मेट्रो परियोजना की रिपोर्ट तैयार है, लेकिन इसमें कुछ संशोधन करना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम योगी वाराणसी की रिपोर्ट से खुश नहीं थे। वे मंदिर के पास किसी भी तरह का निर्माण नहीं कराना चाहते, वे चाहते हैं कि मेट्रो अंडरग्राउंड हो। साथ ही मेट्रो हल्की भी होनी चाहिए। इसके अलावा मेट्रो के कोच ज्यादा वाइब्रेशन और आवाज वाले नहीं होने चाहिए।
हालांकि कई शहरों में मेट्रो प्रॉजेक्ट्स पर काम चल रहा है, श्रीधरन का मानना है कि अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। चीन हर साल 300 कि.मी. की मेट्रो तैयार करता है और हम सिर्फ 22 कि.मी.। यदि शहरों को सर्वाइव करना है, तो मेट्रो का होना जरूरी है। हमें कम से कम 200 कि.मी. मेट्रो हर साल बनानी होगी।
85 साल का आदमी देश का राष्ट्रपति नहीं हो सकता
श्रीधरन ने IRNFRA-DMRC मध्यस्थता सहित कई विषयों के बारे में बात की, उन्होंने राष्ट्रपति पद के नामांकन से लेकर भारत में मेट्रो के विस्तार की गति की भी बात की। राष्ट्रपति पद के नामांकन के बारे में बताते हुए वे हंसे और बोले – “मुझे इसके लिए कभी संपर्क नहीं किया गया था, यह सभी मीडिया की अटकलें थी। 85 साल का आदमी देश का राष्ट्रपति नहीं हो सकता।”