आतंकवाद से निपटने के लिए हमें भी कुछ करना है
देश भक्ति का जज़्बा सिर्फ़ 15 अगस्त या 26 जनवरी मनाने से ही नहीं पूरा होता। सम्पूर्ण देश के विकास, आत्म-सम्मान के लिए सतत कर्मठ बने रहना हर देशवासी की जिम्मेदारी होती है, तभी हम सच्चे देशभक्त कहे जा सकते हैं। लंबे समय से आतंकवाद ने इस देश को काफ़ी नुकसान पहुंचाया है। हमने अपने अनगिनत देशभक्त खोए हैं। वजह साफ थी कि हमने इसके ख़िलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया था और आतंकवाद हमारे ऊपर तांडव करने लगा था।
कल की आतंकवाद के खि़लाफ की गई कार्यवाही ने एक बड़ा संदेश आतंकवाद को, आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को बहुत ही अच्छे तरीके से दिया है। इसके लिए हमारी सेना, सरकार व साथ ही विपक्ष ने भी सार्थक कार्य किया। ये सभी बधाई के पात्र हैं। हाल ही में उरी में हुई घटना का बदला तो इसे नहीं कह सकते क्योंकि नुकसान हमारा बहुत बड़ा है। जब तक पूर्ण रूपेण आतंकवाद ख़त्म न हो जाए, ये नुकसान पूरा नहीं हो सकता। सरकार और सेनाओं द्वारा तो सभी प्रकार की संभव कार्यवाही हो रही है किंतु वह तब तक सार्थक हो अपना मक़ाम हासिल नहीं कर सकती जब तक कि देश के प्रत्येक नागरिक का समर्थन और साथ न हो।
सरकार का कार्य तो सरकार को करना है, सेना का कार्य सेना को करना है किंतु हम सिर्फ़ सोशल मीडिया पर कमेंट कर, सुझाव दे कर अपना कर्तव्य पूरा नहीं समझ सकते हैं। हम सभी को स्पष्ट रूप से पता है कि आतंकवाद को पैदा करने, पनाह देने का कार्य पाकिस्तान और चीन द्वारा किया जा रहा है। हम यह भी जानते हैं कि यह कार्य वहां की जनता नहीं अपितु वहां के हुक्मरान कर रहे हैं किंतु उन पर प्रेशर बनाने के लिए जरूरी है कि हम उनसे सभी प्रकार के संबंधों को रोक दें। फिर वे चाहे व्यापार हो, खेल हो या मनोरंजन हो। जब सभी तरफ से उन देशों के हुक्मरानों पर प्रेशर आएगा तभी वे नेस्तनाबूत होंगे। इसके लिए हम सभी को धर्म, जाति या राजनीतिक मतभेदों को अलग रखकर देश के लिए, आतंकवाद के खि़लाफ विश्व शांति के लिए, मानवता के लिए आगे आना होगा। आप स्वयं सोचें जब हमारी सरकार के द्वारा उचित कदम उठाए जाने पर अनेक देशों ने हमारी बात का समर्थन किया है तो हम सभी की ये आवाज़ बड़ी बनकर असर दिखाएगी तो क्या होगा? सम्पूर्ण विश्व एक छत के नीचे नज़र आएगा और वे देश जिन्होंने आतंक को जन्म व पनाह दे रखी है वे बेअसर होंगे।
आने वाला कल सीधे युद्ध का नहीं होगा अपितु ये एक इकोनॉमिकल वॉर के रूप में होगा। इसलिए आप सभी से विनम्र अपील है कि आतंकवाद समर्थक राष्ट्रों से किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं करें, न ही उनका सामान खरीदें। ये लड़ाई न किसी पार्टी की है, न सरकार की है, न किसी धर्म या जाति की है, न किसी देश की है। इसे हम सभी को मिलकर संयुक्त रूप से लड़ना होगा। समस्त कलाकारों, लेखकों जैसे दिग्गज लोगों से भी देश के लिए आतंकवाद के ख़िलाफ, विश्व शांति के लिए, संपूर्ण मानवता की सुरक्षा के लिए समर्थन करने की अपील जारी करनी चाहिए। ताकि संपूर्ण राष्ट्र ही नहीं वरन संपूर्ण विश्व से इस मानवता विरोधी आतंकवाद को ख़त्म किया जा सके।
जयहिंद!