तीन तलाक के खिलाफ खड़ी हुई 10 लाख महिलाएं
किसी पति को खुद की बीवी पसंद न आए, उसमें सौ कमियां नज़र आए तो कुछ मत करों, मोबाइल पर तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कह दो। शादी जैसा बंधन खत्म हो जाएगा। किसी भी धर्म किसी मजहब में शादी को एक पवित्र बंधन माना गया है जो दो दिलों का और दो आत्माओं का मिलन होता है उसे आजकल वॉट्सएप या फोन पर महज तीन बार तलाक कह देने से खत्म किया जा रहा है।
तीन तलाक प्रथा को लेकर बहस तो कई दिनों से छिड़ी हुई है। मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कड़ा प्रदर्शन भी कर रही है और इसे बंद करने की मांग भी कर रही है उनकी इन्हीं कोशिशो का नतीजा या यूं कहे कि थोड़ा सा असर इन दिनों देखने नज़र आया है। तीन तलाक के खिलाफ अब देश में मुहिम काफी तेज होती दिख रही है।
यूपी इलेक्शन तो खत्म हो गए लेकिन यूपी इलेक्शन में बीजेपी ने इसे अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल कर फ्रंटफुट पर रखा, वहीं अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस मसले पर बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं का समर्थन हासिल करने का दावा किया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा है कि 10 लाख से भी ज्यादा मुस्लिमों, खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के खिलाफ दायर की गई याचिका पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। दावा किया गया है कि 10 लाख मुसलमानों ने तीन तलाक की प्रथा खत्म करने की अपील करते हुए इस याचिका को अपना समर्थन दिया है। ट्रिपल तलाक को लेकर विवाद नया तो नहीं है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है। यूपी चुनाव के समय बीजेपी ने विपक्षी दलों- खासतौर पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने की भी चुनौती दी थी।
कई मुस्लिम देशों में बैन है तीन तलाक
कुरान के अनुसार पहले तलाक का ऐलान करने के बाद आदमी को तीन महीने तक अपने फैसले पर विचार करना होता है। इसके बाद भी अगर वह अपने फैसले पर कायम रहे तो दो बार और तलाक बोलकर ही तलाक माना जाएगा। कई इस्लामिक देशों में यह प्रथा प्रतिबंधित है, लेकिन भारत में यह मान्य है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस प्रथा के खिलाफ याचिका दायर की है। यह मंच आरएसएस से मान्यता प्राप्त इस्लामिक संगठन है। बताया जा रहा है कि ठश्रच् को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हालिया जीत के बाद इस याचिका को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। मालूम हो कि ठश्रच् ने भी दावा किया है कि तीन तलाक मुद्दे पर उसके विरोध को देखते हुए भारी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने उसे वोट दिया।
पहले भी महिलाएं जा चुकी है कोर्ट
बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव की 403 में से 312 सीटों पर जीत हासिल की। बीजेपी गठबंधन को कुल 325 सीटों पर सफलता मिली। 1980 के बाद प्रदेश में इतने भारी बहुमत से जीतने वाली बीजेपी पहली पार्टी है। हालिया जनगणना बताती है कि यूपी की 20 करोड़ आबादी में 18 प्रतिशत मुस्लिम हैं। इससे पहले भी कई महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में याचिका डाल चुकी हैं।
केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए सुप्रीमकोर्ट में कहा था कि यह प्रथा पुरुषों और महिलाओं के बीच कानूनी समानता के अधिकार के खिलाफ है। मालूम हो कि इसी महीने सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगा। अदालत ने इसे एक गंभीर मामला मानते हुए संबंधित पक्षों को कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखने को भी कहा था।
ट्रिपल तलाक की प्रथा का बचाव करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि महिला की हत्या कर देने से बेहतर है कि उसे पहले ही तलाक मिल जाए। पर्सनल लॉ बोर्ड के इस रुख के लिए उसकी काफी आलोचना भी हुई। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ट्रिपल तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
- - Advertisement - -