इलाहबाद यूनिवर्सिटी में बवाल, स्टूडेंट्स ने लगाई बसों में आग
देश की यूनिवर्सिटीयों में आजकल आए दिन हंगामें होते रहते हैं। हर महीने किसी न किसी हंगामें की ख़बर सुर्खियों में रहती है। इस बार इलाहबाद यूनिवर्सिटी में भी जमकर बवाल हुआ है। दरअसल हाईकोर्ट के आदेश पर हॉस्टल खाली कराने पहुंची पुलिस से छात्र भिड़ गए और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
शुक्रवार को हंगामे के बाद रातभर से ही यूनिवर्सिटी के आसपास भरी तादात में फोर्स तैनात हैं और इलाकें में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा है। हॉस्अल खाली कराने गई रैपिड एक्शन फोर्स से भी छात्र भिड़ गए। हॉस्टल नहीं खाली करने पर अड़े छात्रों को पुलिस वालों ने जमकर पीटा। जिससे छात्र और भड़क गए।
बवाल इतना बढ़ा कि हॉस्टल के अंदर से देसी बम फेंके गए। बवाल के बाद पुलिस ने इलाहबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र और उपाध्यक्ष आदिल हमजा समेत एक दर्जन से ज़्यादा छात्रों को गिरफ्तार किया है। दिनभर के हंगामे के बाद शाम को पुलिस ने जब हॉस्टल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो फिर हंगामा हो गया। जो भी छात्र पुलिस के हत्थे चढ़े उनकी जमकर पिटाई की गई।
कई सालों से डेरा डाले हैं पुराने छात्र
यह पूरा विवाद हॉस्टल की कमी को लेकर हो रहा है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी चाहती है कि गर्मियों की छुट्टियों में हॉस्टल खाली करवा लिए जाएं ताकि यहां अवैध कब्जे से मुक्ति मिले. यूनिवर्सिटी की दलील है कि हॉस्टल में कई सालों से पुराने छात्र जमे हुए हैं. जिससे नए छात्रों को हॉस्टल नहीं मिल पा रहे हैं. गर्मियों में होस्टल खाली कर दिए जाएं ताकि हॉस्टल में रंगाई-पुताई और मरम्मत हो सके. हॉस्टल में रहने वाले छात्र तीन हफ्ते से इसका विरोध कर रहे हैं. मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा तो हाई कोर्ट ने भी छात्रों को राहत नहीं दी और 25 मई तक हॉस्टल खाली करने को कह दिया.
हर साल बढ़ती जा रही है होस्टल की मांग
हाई कोर्ट के आदेश पर जब पुलिस हॉस्टल खाली कराने पहुंची तो जमकर बवाल हुआ. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्र औऱ छात्राओं के कुल 14 हॉस्टल हैं. जिनमें करीब 4 हजार छात्र रह सकते हैं, जबकि जरूरत कई गुना ज्यादा है. हर साल छात्रों के लिहाज से हॉस्टल की मांग बढ़ती जा रही है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने के बाद छात्रों को नए हॉस्टल बनने की उम्मीद जगी थी, जो अभी तक पूरी नहीं हो सकी है.
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