फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स रिलेशनशिप के बढ़ते ट्रेंड की क्या हैं वजहें? और कैसे करें इसे मेनटेन
अटेंशन पाने की कोशिश है बेकार
पार्टनर से हर वक्त अटेंशन पाने की कोशिश बिल्कुल भी न करें क्योंकि इससे ज़्यादातर निराशा ही हाथ लगती है. बैचलर लाइफ से अलग अगर आप मैरिड लाइफ होते हुए भी इस तरह के रिलेशनशिप में हैं तो इस चीज़ को समझना आपके लिए बहुत ज़्यादा मुश्किल नहीं होगा.
रिलेशनशिप को सीक्रेट रखना ही है बेहतर
इस तरह के रिलेशनशिप को जगजाहिर बिल्कुल भी न करें. टशन और गॉसिप में भी भूलकर इसकी चर्चा न करें. आपके दोनों के लिए जहां ये मनमर्जी का रिश्ता है वहीं सोसाइटी की ऐसे रिलेशनशिप पर अपनी अलग-अलग सोच है. जो बैचलर हो या सिंगल दोनों की ही लाइफ में बेवजह की टेंशन खड़ी कर सकती है. सोशल मीडिया, फोन के कॉल्स और मैसेज़ कई बार बड़ी मुसीबत बन सकते हैं. इस बात को हमेशा याद रखें कि कुछ तो लोग कहेंगे..लोगों का काम है कहना.
सेक्स को अलग रखें
रिलेशनशिप में सेक्स को अपने ऊपर हावी न होने दें. मिलने के दौरान, मिलने के बाद हर वक्त बस उसी चीज़ के बारे में सोचना सही नहीं, इससे जहां रिलेशनशिप ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती वहीं अच्छी-खासी फ्रेंडशिप भी खत्म होने के चांसेज होते हैं.
एक से ज्यादा रिलेशनशिप पड़ सकती है भारी
इससे आपकी इमेज खराब हो सकती है अगर आप ऐसे दो फ्रेंड्स के साथ रिलेशनशिप में हैं जो आपस में दोस्त हैं. टेंशन और फालतू के चक्करों में पड़ने से बेहतर है इस तरह के रिलेशनशिप से दूर ही रहें लेकिन अगर इसमें आपसी सहमति से हैं तो फिर उसे ईमानदारी से निभाएं.
फ्रेंड्स और फैमिली से दूरी है बेहतर
कई बार फ्रेंडशिप के चलते पार्टनर का घर पर आना-जाना भी लगा रहता है जो लॉन्ग टाइम के हिसाब से सही नहीं. घर के अंदर और बाहर अलग-अलग सिचुएशन में अलग-अलग तरीकों से रिएक्ट करना होता है. हो सके जिसे आप मैनर्स समझ रहे हों वो पार्टनर की नज़रों में अवॉयड करना हो जो आपके साथ-साथ फैमिली के लिए भी बुरा हो सकता है.
पॉजेसिव होने की गलती न करें
जाहिर सी बात है आप दोनों की ही इस रिलेशनशिप के अलावा अपनी अलग-अलग लाइफ भी है तो अगर पार्टनर किसी दूसरे की तरफ अट्रैक्ट होता है या उसे डेट करता है तो इसमें आपको किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसे चीटिंग और इमोशनल ब्लैकमेलिंग जैसी चीज़ों से बिल्कुल भी न आंके.
सेफ्टी का रखें खास ख्याल
बेशक पार्टनर आपका बहुत अच्छा दोस्त है और आपको उस पर पूरा भरोसा है लेकिन फिर भी अपनी सुरक्षा अपने हाथ. सेक्स के दौरान कई बार इमोशन्स और एक्साइटमेंट में कई सारी चीज़ों को भूल जाते हैं जिसका नतीजा प्रेग्नेंसी और कई दूसरी तरह की बीमारियों हो सकती हैं. कोई गारंटी नहीं कि इस तरह के रिलेशनशिप कब तक चले तो इन चक्करों में पड़कर अपने लिए नई मुसीबत मोल लेना कहीं की समझदारी नहीं.
रिलेशनशिप के एंड के बारे में भी सोच लें
ऐसे रिलेशनशिप में पड़ना उतना मुश्किल नहीं होता जितना इससे निकलना. तो इसके हैप्पी एंडिंग की ख्वाहिश बिल्कुल भी न रखें. रिलेशनशिप चाहे जैसा भी हो इमोशन्स से दूर हो पाना वाकई एक टफ टॉस्क होता है.
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