किसे चुना युवाओं ने ‘सरकार’
उत्तर प्रदेश में नई सरकार के लिए उल्टी गिनती अब अंतिम दौर में है। आठवें चरण का मतदान सम्पन्न होने के बाद अब अटकलें यह हैं कि जनमत मिला किसे है? सत्ता का सिरमौर कौन बन रहा है? युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सत्ता रथ पर सवार हो रहे हैं, या कोई और… राहुल गांधी का सहयोग कामयाब रहा है या नहीं? एक बात तो बिल्कुल साफ है कि 67 साल के पीएम नरेंद्र मोदी यूथ आइकॉन बने रहे हैं, पिछले लोकसभा चुनावों की तरह।
कहते हैं कि देश की सत्ता का रास्ता सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से होकर जाता है, इसीलिये अहमियत है। वजह और भी हैं, देश के सबसे बड़े पद राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का चुनाव जुलाई और उसके बाद है। बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीतना चाहती है ताकि दोनों चुनावों में उसे दूसरे दलों का सहारा न तलाशना पड़े, मजबूरी के समझौते न करने पड़ें। बहरहाल, उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों की संभावनाओं का आंकलन करें तो स्थितियां बेहद उलझी हुई लगती हैं और कोई भी राजनीतिक पंडित स्पष्ट भविष्यवाणी करना नहीं चाहेगा।
यूपी जैसे बड़े राज्य के राजनीतिक समीकरण इतने उलझे हुए-से होते हैं कि भविष्यवाणी अक्सर गलत ही सिद्ध होती हैं। साढ़े 13 करोड़ के आसपास मतदाताओं वाले इस राज्य में बहुत-कुछ युवाओं पर भी निर्भर है, जिनकी संख्या 56.17 फीसद है। प्रदेश में 18 लाख नए युवा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। 20 लाख महिलाओं के नाम जुड़े हैं। आंकलन बता रहे हैं कि इन युवा मतदाताओं के बीच जाति के समीकरण काम नहीं आए हैं और युवाओं ने मुद्दों पर मतदान किया है। हर राजनीतिक दल के चुनाव अभियान में तकनीक, प्रौद्योगिकी और रोजगार के वादे थे, और मतदान में इनमें अहम भूमिका अदा की है।
युवा चेहरों को सामने लाकर इसी वर्ग को लुभाने का खेल खेला है। युवा ही टारगेट थे, इसीलिये अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने स्मार्टफोन देने का स्टंट किया। उधर से बीजेपी ने भी फ्री इंटरनेट, लैपटाप देने की घोषणा कर दी। कांग्रेस ने प्रदेश के युवाओं के लिए 50 लाख नौकरियों का इंतजाम करने के साथ ही ब्लॉक स्तर पर स्पोर्ट्स क्लब बनाने का वादा किया है। भाजपा ने नौकरी में युवाओं को प्राथमिकता, ग्रेड-सी और डी की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म करने की घोषणा की है। लड़कियों को स्नातक और लड़कों को 12वीं तक निशुल्क शिक्षा का भी उसका वादा है। युवा मतदाताओं ने भ्रष्टाचार, महंगाई, कानून-व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, मूलभूत ढांचा, रोजगार, समाज कल्याण तथा सुरक्षा के मुद्दों पर भी ध्यान दिया है। नेक्सट पेज पर पढ़ें पूरा आर्टिकल
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