Video: स्वर्ण मंदिर में साफ बर्तनों को ही साफ कर आएं केजरीवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाकर माफी तो मांग ली लेकिन वे फिर से एक बार विवादों में आ गए हैं। दिल्ली के सीएम वैसे तो हमेशा ही सुर्खियों में बने रहते है। पर आज वे फिर से विवादों में खड़े है। रात तीन बजे केजरीवाल स्वर्ण मंदिर में भूलबक्श यानी माफी मांगने के लिए पहुंचे थे। धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर उठे विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए केजरीवाल स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे लेकिन वहां वो बर्तन साफ करने को लेकर नए विवाद में घिर गए हैं।
साफ बर्तनों को ही किया साफ
दरअसल वे भूलबक्श में अपने गुनाहों की माफी के लियए गए लेकिन यहां पर लंगर के बर्तन साफ करते समय वे एक नए विवाद में फंस गए। दरअसल उन्होने जो बर्तन साफ किए वो तो पहले से ही साफ थे। ऐसे में केजरीवाल का कहना है कि वे अपनी भूल की माफी के लिए यहां पर सेवा दे रहे है और ऐसा करने से उन्हे मन की शांति प्राप्त होती है।
सड़कों पर लगे वापस जाओं के नारें
रविवार रात अमृतसर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचने पर जहां पार्टी के स्थानीय नेताओं ने उनका स्वागत किया वहीं दूसरी ओर उनके आने पर सड़कों पर रोष और विरोध भी जताया गया। अरविंद केजरीवाल के विरोध में जगह-जगह सड़कों पर ‘अरविंद केजरीवाल वापस जाओं’ के नारे लगे, वहीं सैंट्रल जेल के बाहर अन्य संगठनों की ओर से सर्किट हाउस के बाहर उनको काले झंडे दिखाए गए, जबकि सर्किट हाउस में पहुंचते हुए अरविंद केजरीवाल ने अमृतसर की इकाई के साथ बैठक शुरू कर दी।
ये था विवाद
इस विरोध के पीछे की कहानी शुरू होती है 3 जुलाई से। उस दिन अमृतसर में अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी हुआ था। आरोप है कि आप नेता आशीष खेतान ने घोषणापत्र की तुलना गीता,बाइबल, गुरु ग्रन्थ साहिब जैसे धार्मिक ग्रंथों से की थी। इतना ही नहीं घोषणा पत्र पर स्वर्ण मंदिर के साथ झाड़ू की एक तस्वीर को लेकर भी सिख संगठनों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया। अगले साल पंजाब में चुनाव होने हैं और इस विवाद में फंसने की वजह से केजरीवाल की परेशानी बढ़ सकती है लिहाजा इसी विवाद को धोने के लिए वो आज सेवा देने हरमंदिर साहब पहुंचे थे।
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