हैरान कर देगा आपको ख़ूबसूरत आंखों वाला ये चेहरा
जब हरनाम 16 की हुई तो हीनता की वजह से उन्होंने घर से बाहर जाना बंद कर दिया। बाद में उन्होंने सिख पंथ की मान्यता के अनुसार अपने बाल नहीं कटाने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने अपनी सूरत को भगवान का दिया हुआ तोहफा मान लिया और इन्हीं भरी-पूरी दाढ़ी-मूंछों के साथ स्कूल और कॉलेज पूरा किया। आज हरनाम इसी आत्मविश्वास की वजह से गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवा पाई हैं।
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