हीरोइनों पर भारी पड़ जाती थी ये सपोर्टिंग एक्ट्रेस, कर चुकी है 350 फिल्में
भारत में इतने सिनेमाघर हो गए है कि गिनना मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है आप कहीं भी जाकर कोई भी नई फिल्म देख सकते हैं। वैसे हर शुक्रवार को किसी न किसी बॉलवीड सितारे की किस्मत का फैसला होता है कि वो हिट या फ्लॉप। हीरो-हीरोइन को तो हम अक्सर याद रख लेते है क्योंकि पूरी फिल्म में हमे वहीं दिखते हैं लेकिन फिल्म सिर्फ हीरो के दम पर नहीं बनती। फिल्म में सपोर्टिंग एक्टर और पूरी टीम होती है।
सपोर्टिंग एक्टर को लोग अक्सर भूल जाया करते हैं लेकिन कुछ सपोर्टिंग एक्टर ऐसे होते हैं जो भुलाए नहीं भूलते, ऐसी ही एक एक्ट्रेस है अरूणा ईरानी, आप भी भली भांति इन्हें जानते ही होंगे। अरूणा ईरानी से मेरा सामना दूरदर्शन पर हुआ था। मैं छोटा था और फिल्म देखने का शौकीन, घर में दूरदर्शन था तो कोई भी आने वाली फिल्म छोड़ता नहीं था।
मैनें सबसे पहले उनकी फिल्म देखी थी ‘दूध का कर्ज’ जिसके हीरो थे जैकी श्रॉफ लेकिन उन्हें जन्म देने वाली मां बनी थी अरूणा ईरानी जिनका फिल्म में नाम पार्वती था। फिल्म में उन्होंनें मां का किरदार ऐसा निभाया था कि जो आजतक याद है। अरूणा ईरानी को अगर आप देखेंगे तो आपको एक चीज और याद रह जाएगी वो है उनकी चिन पर बना हुआ तिल।
उनका वो तिल उन्हें और भी खूबसूरत बनाता है। अरूणा ईरानी एक ऐसी एक्ट्रेस है जो लीड रोल करके सपोर्टिंग एक्टर बनी। अरूणा ईरानी को हीरोइन बनकर तो ज़्यादा सफलता नहीं मिली लेकिन सपोर्टिंग एक्टर के रूप में उन्होंने खूब तारीफे बटोरी। खासतौर पर बेटा में अनिल कपूर की मां के रोल में।
फिल्म ‘बेटा’ में अरूणा ईरानी ने अपने सौतेले बेटे अनिल कपूर पर जो जुल्मो सितम किए थे न देखकर दिलभर आता है लेकिन हमें पता है कि वो एक्टिंग कर रही थी इसलिए उनकी एक्टिंग बिलकुल रीयल मान बैठे। अरूणा ईरानी ने अपनी एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में अपना एक अलग ही मुकाम बनाया है।
अरूणा ईरानी का जन्म 3 मई 1952 को हुआ था। उनके पिता की एक थिएटर कंपनी थी। उनके दो भाई इंद्र कुमार और आदि ईरानी हैं जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। अरूणा ने बाल कलाकार, खलनायिका, हीरोइन व चरित्र अभिनेत्री के रूप में काम किया। अरूणा ईरानी ने अपने करियर की शुरूआत 1961 में रिलीज हुई फिल्म ‘गंगा जमुना’ से बतौर बाल कलाकर की थी।
अरूणा ईरानी ने अपने करियर में 357 से ज़्यादा फिल्मों में काम किया और कई फिल्मों में वे बतौर अभिनेत्री भी नज़र आई थी। करियर की शुरूआत में उन्होंने जहांआरा, फर्ज, उपकार जैसी फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार निभाए। फिर कॉमेडी किंग महमूद के साथ उनकी जोड़ी बनी जो औलाद, हमजोली, नया जमाना जैसी फिल्मों में खूब पसंद की गई।
अरूणा के करियर में महत्वपूर्ण मोड़ आया 1971 में ‘कारवां’ के साथ। इस सुपरहिट फिल्म में उन्होंने तेज-तर्रार बंजारन की यादगार भूमिका निभाते हुए अपने अभिनय कौशल के साथ-साथ नृत्य की प्रतिभा का भी प्रदर्शन किया। दिलबर दिल से प्यारे और चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी जैसे गीतों में उन्होंने अपनी नृत्य कला का लोहा मनवा लिया था।
अरूणा ईरानी की जोड़ी महमूद के साथ खूब जमी थी। महमूद ने उन्हें अपनी फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ में एक बड़ा ब्रेक दिया था। उस समय अमिताभ भी स्ट्रगल कर रहे थे। ये फिल्म हिट तो हुई लेकिन अरूणा ईरानी को हीरोइन के रूप में ज़्यादा तवज्जो नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने सहायक अभिनेत्री की भूमिका निभाते हुए कई फिल्में की जिनमें वे हीरोइनों पर भी भारी पड़ जाती थी। उनकी कई यादगार फिल्में है जिन्हें आज भी भूलना असंभव है और आज भी वे अपना सहयोग फिल्मों और टीवी सीरियल्स में दे रही है।
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