फिर से मानवता शर्मसार, मृत पैदा हुआ बच्चा तो थैले में रखकर ले गया मजबूर पिता
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आपने क्रूर लोगों के बारे में तो सुना ही होगा ये कैसे अपनी क्रूरता दिखाकर लोगों को कष्ट पहुंचाते है, इनमें मानवता नाम की चीज़ नहीं होती। कुछ ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के हॉस्पिटल का है। इस घटना ने पूरी मानवता को शर्मशार कर दिया है। इस मामले को जब आप पूरा जान जाएंगे तो आप भी यहां के नर्स और डॉक्टर को क्रूर ही कहेंगे।
मृत पैदा हुआ था बच्चा
मानवता को शर्मशार करने वाला ये मामला छत्तीगढ़ के जगदलपुर मेडिकल कॉलेज का है। यहां के हॉस्पिटल में बीजापुर जिले के लंकापल्ली के आईपेंटा गांव में रहने वाला रमेश अपनी पत्नि की डिलीवरी कराने के लिए यहां लाया था। लेकिन डिलीवरी के दौरान उसका बच्चा मृत पाया गया। बच्चे की मौत के बाद तुरंत बच्चे को हॉस्पिटल से ले जाने के लिए कहा गया।
तुरंत बेड खाली करने को कहा
जानकारी के मुताबिक बच्चे की जन्म से पहले ही मौत हो गई थी। इसके बाद रमेश का कहना है कि सिस्टर ने उससे कहा कि इसे ले जाओ और तुरंत बेड खाली करो। रमेश को उस समय कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। उसने थैले में शव को रखा और मदद के लिए कलेक्टर अमित कटारिया के पास गया।
कलेक्टर भी नहीं समझ सके
रमेश स्थानीय बोली ही जानता है। जब वो कलेक्टर अमित कटारिया के पास पहुंचा तो कटारिया समझ नहीं सके कि वो क्या कहना चाहता है। उन्होंने रेडक्रास के जरिए उसकी मदद कराई लेकिन वो बच्चे की मौत की बात को न समझ सके। वो हॉस्पिटल पहुंचे तो उनकी समझ में पूरा मामला आया।
पहले भी हो चुकी है मानवता शर्मशार
पहले भी ओडिशा के अस्पताल में मानवता को शर्मशार करने वाली ऐसी घटना हो चुकी है। वहां हॉस्पिटल में एंबुलैंस और मार्चुरी वैन नहीं मिलने से दाना मांझी को पत्नी की डेड बॉडी को मजबूरन कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ा। दाना मांझी करीब 10 किमी अपनी पत्नी को पैदल कंधे पर उठाकर लाया था। इसमें उसे छः घंटों का समय लगा था।
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