12 मिनट पहले ही दिल्ली से मुंबई पहुंच कर टैल्गो ट्रेन ने रचा इतिहास
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नई दिल्ली। भारत में बुलेट ट्रेन चले या नहीं, लेकिन फिलहाल टैल्गो ट्रेन को भारतीय रेल पटरी पर दौड़ाने की तैयारी जरूर अंतिम चरणों में है। जी हां स्पेन टैल्गो ट्रेन ने रविवार को दिल्ली-मुंबई रूट पर अपना आखिरी ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया है। खास बात तो ये है कि ट्रेन औसतन 150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ी और अपने निर्धारित समय 12 घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मुंबई पहुंच गई। टैल्गो ट्रेन रविवार को 2:43 बजे मुंबई पहुंच गई। ये शनिवार को दोपहर को 2:45 बजे रवाना किया गया था।
अमूमन ट्रेनें दिल्ली से मुंबई पहुंचने में 16 घंटे से ज्यादा का वक्त लेती हैं। स्पेनिश टैल्गो का अंतिम ट्रायल था। यह ट्रेन में कुल नौ डिब्बे हैं। और इसमें 2 एक्जिक्युटिव क्लास कार के अलावा चार चेयर कार, और एक पावर कार है। इसके अलावा अन्य कई सुविधाएं भी टैल्गो में रहेगी। टैल्गो की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे की है। गौरतलब है कि टैल्गों का पहले बरेली और मुरादाबाद तथा पलवल व मथुरा के बीच ट्रायल किया जा चुका है।
टैल्गो में यह है खास
टैल्गो में यात्रियों की सुविधाओं पर खासा जोर दिया गया है। जहां लोगां के पैरों के बीच सही स्पेस का ध्यान रखने के लिए अच्छी क्वालिटी की सीटों की व्यवस्था है वहीं दूसरी ओर यात्रियों को अपनी सीट पर खाना खाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए एक पूरी बोगी को डायनिंग कार की तरह बनाया गया है। साथ ही जगह-जगह डाइनिंग टेबल भी लगाए गए हैं ताकि यात्री खाने का आनंद ले सकें। यात्रियों के मनोरंजन के लिए कोच की छतां पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई है। एल्युमिनियम के डिब्बे बने होने की वजह से यह भारतीय ट्रेनों के डिब्बों की तुलना में हल्के हैं। जहां भारतीय डिब्बां का वजन 60 टन होता है वहीं टैल्गो के डिब्बों का वजन 16 टन है। स्पेन की कंपनी ने दावा किया है कि लाइट वेट एयरोडायनेमिक तकनीक से ट्रेन को तैयार किया गया है इस कारण बिजली की खपत कम होगी। रेल मंत्रालय का मानना है कि टैल्गो ट्रेन हाईस्पीड रेल की ओर एक बड़ा कदम है।
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