दिल्ली में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स ख़त्म होने पर महंगाई बढ़ेगी !
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक चुनावी घोषणा की कि अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम का चुनाव जीतती है, तो आवासीय मकानों/फ्लैटों पर लगने वाले प्रॉपर्टी टैक्स को खत्म कर दिया जाएगा और साथ ही पिछले वर्षों का बकाया प्रॉपर्टी टैक्स भी माफ कर दिया जायेगा। केजरीवाल ने आगे विरोधाभासी रुप से कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम की आय का मुख्य रेवेन्यू होता है इसलिए इसे कमर्शियल प्रॉपर्टियों से वसूलना जारी रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगमों में प्रॉपर्टी टैक्स भ्रष्टाचार का मुख्य कारण है। आप के नगर निगम में सत्ता में आने पर इसे समाप्त कर दिया जाएगा। केजरीवाल की पार्टी पहली बार नगर निगम का चुनाव लड़ रही है।
केजरीवाल ने इसी के साथ यह भी विरोधाभासी बात कही कि आप के सत्तासीन होने पर पिछले कई वर्षों से वित्तीय संकट से जूझ रहे तीनों नगर निगमों को इससे उबारकर एक साल के अंदर लाभ कमाने वाले निकायों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया जाएगा। विगत कई वर्षों से उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के गंभीर वित्तीय संकट से जूझने का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इसका सीधा कारण निगम में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार है। इसका खामियाजा निगम कर्मचारियों को महीनों से लंबित वेतन और लाखों पेंशनधारकों को सालों से पेंशन नहीं मिलने के रूप में भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आप के सत्ता में आने पर भ्रष्टाचार को खत्म कर वेतन और पेंशन का नियमित भुगतान सुनिश्चित किया जायेगा और हर महीने की 7 तारीख को कर्मचारियों के खाते में वेतन पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि आप का नगर निगम को संकट से उबारने वाली कार्ययोजना को पार्टी के घोषणापत्र के रूप में जल्द जारी किया जायेगा।
रेसिडेंसियल प्रॉपर्टी टैक्स हटाने का बयान शर्मनाक – तिवारी
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) दिल्ली राज्य के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान को शर्मनाक करार दिया है जिसमें आप आदमी पार्टी(आप) के नगर निगमों के चुनाव में विजयी होने पर रेसिडेंसियल प्रॉपर्टी टैक्स को खत्म कर दिये जाने की घोषणा की गई है।
केजरीवाल की इस घोषणा पर कि आप के नगर निगम चुनाव में जीत मिलने पर रेसिडेंसियल प्रॉपर्टी टैक्स को खत्म कर दिया जायेगा और इसका पुराना बकाया माफ किया जायेगा, श्री तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान निगमों को वित्त रूप से पंगु बनाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
नगर निगम की आमदनी का मुख्य स्त्रोत
केजरीवाल ने अपने बयान में ही यह भी स्वीकार किया है कि किसी भी नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स ही उसका मुख्य रेवेन्यू एवं आय अर्जन का मुख्य स्त्रोत होता है, रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स के ज़ीरो होने पर रेवेन्यू कहा से आएगा, तो केजरीवाल इसे एकदम हटाकर नगर निगमों कि हालात और अधिक बदतर नहीं कर देंगे ?
सारा भार कमर्शियल प्रॉपर्टी पर
केजरीवाल ने कमर्शियल प्रॉपर्टी पर प्रॉपर्टी टैक्स बरक़रार रखने कि बात कही है, इसका सीधा मतलब यही है कि रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स का सारा भार कमर्शियल प्रॉपर्टियों पर आ जाएगा ! अर्थात कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ने पर व्यवसायी अपनी सेवाओं तथा उत्पादों को और महंगा कर देंगे, जिससे इस महंगाई की मार से दिल्ली की जनता बदहाल हो जाएगी।
महंगाई की मार दिल्ली की आम जनता पर
तो छूट किसे मिलेगी पिसना तो दिल्ली वालों को ही है, वे रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स ना भरने की घोषणा को अगर सहमति देते हैं तो बढे हुए कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स की मार भी अप्रत्यक्ष रूप से आम जनता पर ही पड़ेगी तथा यह फैसला नीतिपरक न होकर महंगाई बढ़ाने वाला भी सिद्ध हो सकता है.
23 अप्रैल को वोटिंग
दिल्ली में उत्तर, पूर्व और दक्षिण नगर निगमों के लिए 23 अप्रैल को वोटिंग होना है जबकि 26 अप्रैल को वोटों की गिनती होगी।
– परीक्षित गंगराड़े
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