क्या आपको पता है इस ताजमहल के बारे में, जिसे बेटों ने अपनी मां के लिए बनवाया
अगर ताजमहल की बात आए, तो आप आगरा में स्थिति सफेद संगमरमर से बना ताजमहल ही याद आता है। प्यार की निशानी कहा जाने वाला ताजमहल आज भी दुनिया के अजूबों में शामिल है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस सफेद संगमरमर के ताजमहल के अलावा एक और ताजमहल भी है, वो भी आगरा में ही। दरअसल, बहुत ही कम लोग इस ताजमहल के बारे में जानते हैं।
जहां सफेद संगमरमर से बने ताजमकल को शहंशाह ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था, वहीं इस लाल ताजमहल को बेटों ने मां की इच्छा पूरी करने के लिए बनवाया था। मां की इच्छा को पूरी करने के लिए बनवाए गए इस ताजकमहल को लाल ताजमहल के नाम से जाना जाता है। ताजमहल की ही तरह दिखने वाले इस लाल ताजमहल को भारत में पहला इंग्लिश मैन यानि यूरोपियन का खिताब हासिल है।
लोगों का रूझान कम-
आगरा में दीवानी चौराहे के पास स्थित रोमन कैथलिक कबरिस्तान के अंदर मौजूद लाल ताजमहल की देखरेख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करता है। यहां आने का कोई टिकट नहीं लगता फिर भी लोगों का इस ताजमहल के प्रति रूझान बहुत कम है। वैसे इस ताजमकहल की कहानी भी कम रूमानी नहीं है। आइए जानते हैं इस ताजमहल की रूमानी कहानी।
संगमरमरी ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शहंशाह ने करवाया था, लेकिन इस ताजमहल का निर्माण सिपहसालार जान विलियम हीसिंग की विधवा एलिस द्वारा कराया गया। जान विलियम हीसिंग अपनी पत्नी के साथ जब आगरा आए तो ताज के आकर्षण से प्रभावित होकर एक शाम वहां पहुंचे। ताज के सौंदर्य और उसकी साथ जुड़ी मोहब्बत की दास्तान ने इस जोड़े को प्रभावित किया। वहीं दोनों ने एकदूसरे से वादा लिया की दोनों में से जिसकी मृत्यु पहले हो जाएगी, वह उसकी याद में ऐसा ही ताजमहल बनवाएगा। जान हीसिंग मराठा सरदार महादजी दौलत राव सिंधिया की फौज में 1799 में आगरा के अधिकारी थे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने अपने बेटों के साथ मिलकर इस ताजमहल का निर्माण करवाया।
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