केंद्र सरकार का बड़ा खुलासा, चार महीनों में 65 करोड़ का कालाधन किया इकट्ठा
केंद्र सरकार ने महज चार महीनों में तकरीबन 65 करोड़ का कालाधन इकट्ठा किया है। इस बात की जानकारी ख़ुद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेस के ज़रिए दी हैं। जेटली ने बताया कि इनकम डिक्लेरेशन स्कीम यानी कि आईडीएस योजना के तहत 65 हजार करोड़ से ज्यादा की काली कमाई इकट्ठा हुई है। जेटली के अनुसार इस काली कमाई को 64, 275 लोगों ने घोषित किया हैं। इसके साथ ही जेटली ने 56, 378 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाकर कब्जे में लेने की जानकारी भी दी है। उन्होंने बताया कि एचएसबीसी की लिस्ट से तकरीबन 8,000 करोड़ रुपयों का टैक्स मूल्यांकन पूरा हो गया है। हालांकि वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि जो आंकड़े वो इस वक्त बता रहे हैं, वो रिविजन के बाद बदल भी सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्स छिपाए जाने के चलन को कम करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं।
ग़ौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने कालेधन खुलासे को लेकर एक जून 2016 से लेकर 30 सितंबर 2016 तक के लिए स्कीम चलायी थी। इस स्कीम के तहत 45 फीसदी टैक्स और पेनल्टी देकर कोई शख्स ब्लैकमनी को व्हाइट कर सकता है। सरकार ने कालेधन की खुलासा करने वाले लोगों को कई सहूलियत दी थी। घोषित ब्लैकमनी पर, पेनाल्टी, सरचार्ज टैक्स की 25 प्रतिशत राशि 30 नवंबर 2016 तक जमा करनी होगी। इसी तरह दूसरी किस्त की 25 फीसदी राशि 31 मार्च 2017 तक दी जा सकेगी और तीसरी किस्त के लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर 2017 बताई है।
कालाधन वापस लाने के लिए मोदी सरकार पर था दबाव
पिछले काफी समय से मोदी सरकार पर काले धन को वापस लाने और देश में छिपे हुए काले धन को खोज निकालने का दबाव था। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी जी द्वारा इसे लेकर वादा किया था। जिसके बाद से ही विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर पीएम को घेरता रहा है।