सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार होगा कुछ ऐसा
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में आज वो होने जा रहा है जो इससे पहले कभी भी नहीं हुआ है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच हाईकोर्ट के वर्तमान जज के ख़िलाफ़ एक मामले की सुनवाई करेंगी और यह मामला होगा कोर्ट की अवमानना करने का। बता दें कि मामले की सुनवाई कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस करनन के ख़िलाफ़ होगी और इस मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता में सात न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ करेगी।
क्या किया था जस्टिस सीएस करनन ने?
दरअसल कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस करनन ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। करनन ने अपनी चिट्टी में लिखा था कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार कम हुआ है लेकिन न्यायपालिका में मनमाने और बिना डर के भ्रष्टाचार हो रहा है।
इसके साथ ही करनन ने पीएम से मांग की थी कि इस मामले की जांच किसी एजेंसी से करवाई जाए। करनन के इसी व्यवहार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अवमानना माना। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने का फ़ैसला किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करनन ने चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वर्तमान और पूर्व 20 जजों के नाम लिखे थे।
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तबादला होने के बाद कोलकाता HC के जज बने हैं करनन
जस्टिस सीएस करनन पहले मद्रास हाई कोर्ट में ही पदस्थापित थे। लेकिन वहां पर वह ज़्यादा समय तक टिक न सके। दरअसल उन्होंने जस्टिस संजय कॉल पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने करनन का तबादला कोलकाता करने का फ़ैसला किया। कोर्ट के इस फ़ैसले का भी करनन ने विरोध किया था। उन्होंने एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा कर दी थी। हालांकि बाद में उन्होंने ख़ुद मांफी मांगते हुए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को मान लिया।