गूगल ने ऐसा डूडल बनाकर दी जैमिनी राय को श्रद्धांजलि
विश्व प्रसिद्ध चित्रकार जैमिनी राय की जयंती के मौके पर आज गूगल ने उनके एक चित्र का डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है। महान चित्रकार रविन्द्रनाथ टैगोर के शिष्य रहे हैं जो 20वीं शताब्दी के महत्वपूर्ण आधुनिकतावादी कलाकारों में से एक थे। उन्होंने अपने समय की परंपराओ से अलग-अलग शैलियां विकसित कर अपनी पेंटिंग में उन्हें उकेरा। 11 अप्रैल 1887 को पश्चिम बंगाल के बाकुड़ा जिले के बेलियातोर नाम के गांव में एक जमीदार परिवार में जन्म लेने वाले जैमिनी का बचपन से ही चित्रकला से लगाव था। 16 वर्ष की आयु में जैमिनी ने कोलकाता के गर्वनमेंट स्कूल ऑफ आट्र्स में दाखिला लिया, जहां से मिले प्रशिक्षण ने जैमिनी राय को विभिन्न तकनीकों में निपुण बना दिया। शुरूआत में तो उन्होंने पश्चिमी शैलियों पर आधरित चित्र बनाए , लेकिन इनसे उनका मोह जल्द ही भंग हो गया और फिर वे पारंपरिक और स्थानीय चीजों को लेकर चित्र बनाते थे।
1920 के दशक में शुरूआत में उन्होंने कला के ऐसे विषयों को चुना जो उनके दिल के बहुत करीब थे। इसके लिए उन्होंने परंपरागत और स्थानीय स्त्रोतों जैसे लेखन शैली, पक्की मिट्टी से बने मंदिरों की कला, लोक कलाओं की वस्तुओं औश्र शिल्प कला आदि से प्रेरणा ली। इसके बाद उन्हेांने ऐसे चित्र बनाए जो खुशनुमा ग्रामीण माहौल की तस्वीर को दर्शाते थे। 1938 में उनकी कला की प्रदर्शनी पहली बार कोलकाता के ब्रिटिश इंडिया स्ट्रीट पर लगाई गई।
1946 में उने कला की प्रदर्शनी लंदन में और 1953 में न्यूयॉर्क सिटी में प्रदर्शित की गई थी। 1954 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया। इस महान चित्रकार का निधन 24 अप्रैल 1972 में कोलकाता में हुआ। 1976 में भारत पुरातत्व सर्वेक्षण संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने उनकी कृतियों को बहुमूल्य घोषित किया।
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