सरकार देगी जीरो डाउन पेमेंट पर कार
नई दिल्ली। भारत सरकार जल्द ही बिना डाउन पेमेंट के इलेक्ट्रिक कार मुहैया कराने की योजना पर काम कर रही है। सरकार की इस योजना का मकसद साल 2030 तक भारत को 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कार वाला दुनिया का पहला देश बनाने की योजना है। अगर सरकार अपनी इस योजना में कामयाब हो जाती है तो गाड़ियों के लिए पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
भारत हो सकता है ऐसा देश
सरकार का कहना है कि इस प्लान से लोग महंगे पेट्रोल, डीजल जैसे फ्यूल को खरीदने से बचेंगे और उन पैसों से इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां खरीद सकेंगे। सीआईआई यंग इंडिया की तरफ से किए गए इस कार्यक्रम में बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ’भारत अपनी तरह का पहला ऐसा देश हो सकता है जो 100 पर्सेंट इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन करे। हम इस कार्यक्रम के लिए खुद पैसा जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।’
नहीं है किसी के निवेश की जरूरत
उन्होंने कहा कि ’हमें सरकार से एक रुपये की जरूरत नहीं है। भारत के लोगों की तरफ से भी निवेश की जरूरत नहीं है।’ गोयल ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि ’हम ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं कि क्या हम वास्तव में मुफ्त में (जीरो डाउन पेमेंट) इलेक्ट्रिक कार दे सकते हैं और लोग पेट्रोलियम उत्पादों पर जो बचत हो, उससे उसके लिए भुगतान कर सकते हैं। नया बदलाव संभव है, इसके लिए केवल खुले दिमाग की जरूरत है। आपको पैमाने के बारे में सोचने और ईमानदार होने की जरूरत है।’
बनाया गया है एक छोटा ग्रुप
मंत्री ने कहा कि सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की अगुवाई में एक छोटा ग्रुप बनाया गया है। इसमें पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ’हम अप्रैल के पहले हफ्ते में बैठक कर रहे हैं और इस बात पर विचार करेंगे कि क्या भारत 2030 तक 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक गाड़ियों वाला देश बन सकता है। हम इस पर गौर करने की कोशिश कर रहे हैं। क्या हम कार बदलने के बाद सस्ती बिजली के इस्तेमाल से ग्राहकों की जो बचत होगी, उसका फायदेमंद तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।’
सोच रहे हैं अगुवाई करने के बारे में
पीयूष गोयल ने कहा कि ’हम पैमाने के बारे में सोच रहे हैं। हम दुनिया को फॉलो करने की जगह अगुवाई करने के बारे में सोच रहे हैं। भारत दुनिया में पहला बड़ा देश होगा जो उस पैमाने के बारे में सोचता है।’ मंत्री ने एलईडी लाइट का उदाहरण दिया जहां भारी मात्रा में निविदा से सरकार इन बल्बों की खरीद कीमत इस वर्ष में घटाकर 64.41 रुपये पर लाने में कामयाब हुई है, जो फरवरी 2014 में 310 रुपये थी। बिजली बिल के बारे में उन्होंने कहा कि ’हमें देश में कोई फीस बढ़ाने की जरूरत नहीं है। हमें केवल स्मार्ट बनने और प्रौद्योगिकी लाने की जरूरत है।
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