चीन को पछाड़ भारत बना दुनिया का आकर्षक रिटेल मार्केट
भारत को दुनिया में आने वाले समय में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में गिना जाता हैं साथ ही भारत को जनसंख्या के मामले में दूसरे पायदान पर गिना जाता है। इसी के मद्दे आज दुनियाभर से बड़ी से बड़ी कंपनी भारत में अपना बिजनेस स्थापित करने की योजना बना रही है। अगले 6 महीनों में दुनिया के 50 से अधिक मिड-लेवल रिटेलर्स भारत में अपना बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इन रिटेलर्स की नजर ऐसे मार्केट पर है जो मिड साइज के हो और जहां भी रिटेलर्स की कम मौजूदगी है। इनकी योजना लगभग 3,000 स्टोर्स खोलने की है। लश एडिक्शन, मेल्टिंग पॉट योगर्ट लैब, मोनालिसा, कोरेस, पास्ता मेनिया, जैसे ये ब्रांड 30 से 50 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की योजना कर रही है।
ये ब्रैंड्स सरकार की उदार रिटेल पॉलिसी और बै्रंड्स प्रोडक्ट्स के लिए भारतीय मार्केट में अपार संभावानाओं से फायदा उठाने चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस महीने की शुरूआत में चीन को पीछाड़ कर भारत दुनिया का सबसे आर्कषक रिटेल मार्केट बन गया था। देखा जाए तो ग्लोबल रिटेलर्स को अपने देशों के मार्केट्स में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और ऐसे में भारत उनके लिए कारोबार बढ़ाने का बड़ा जरिया साबित हो सकता है। इन ब्रैंड्स में से 18 फूड एंड बेवरेज, 13 लाइफस्टाइल और 13 अपैरल से जुड़े प्रोडक्ट्स हैं। इसके अलावा कुछ ब्रैंड्स शिक्षा के क्षेत्र में भी है। इनमें से अधिक अमेरिका और सिंगापुर के बै्रंड्स हैं।
दुनिया के 53 बै्रंड्स को भारत में पार्टनर्स खोजने और रेग्युलेटरी क्लीयरेंस दिलाने में मदद कर रहीं फ्रेंचाइजी इंडिया होल्डिंग्स के चैयरमैन, गौरव मौर्यो ने कहा, ‘देश में रिटेल सेक्टर में पहली लहर एक दशक पहले आई थी, जब बड़े ब्रैंड्स ने भारत में प्रवेश किया था। अब छोटे और मिड-लेवल बै्रंड्स की बारी है।’ पिछले वर्ष के अंत में सरकार ने सिंगल-ब्रांड रिटेल में फॅारेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट के लिए नियमों में छूट दी थी। इससे बहुत से ग्लोबल बै्रड्स में दिलचस्पी बढ़ी थी। इनमें स्वीडन के हेनेस एंड मॉरिट्ज और आइकेया जापान के यूनक्विलो शामिल है।
दुनियाभर में लगभग 700 फ्रेंचाइजी स्टोर चलाने वाली ब्रिटेन की क्विक सर्विस रेस्टोरेंट चेन, सर्दन फ्राइड चिकेन के चैयरमैन, एंड्रयू विदर्स का कहना है, ‘भारत की मौजूदा ग्रोथ और डिवलेपमेंट के कारण किसी ब्रांड के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थान है।’ सरकार ने बिजनेस 2 बिजनेस और भारत में बने फूड प्रॉडक्ट्स बेचने वाले रिटेलर्स के लिए 100 पर्सेंट मालिकाना हक की अनुमति दी है। सूत्रों के मूताबिक कैशलेस पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोशिशों और जीएसटी लागू होने से रिटेल के बिजनेस में बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि अब बै्रंड्स जो देश में आना चाहते हैं वे ऐसे ब्रांड है जो देश में एक्सपैंशन के लिए फ्रेंचाइजी मॉडल पर निर्भर करतें है।
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