1 सितंबर 1947 में लागू हुआ था ‘इंडियन स्टैंडर्ड टाइम’
1 सितंबर 1947, यानी इस गुरूवार 69 साल पहले भारतीय मानक समय (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम, IST) को पूरे भारत में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य पूरे देश में एक ही मानक समय कि स्थापना करना था। इसी के आधार पर आज हमारी घड़ियां हमें हर रोज़ सहीं समय दिखाती हैं। भारतीय समय ग्रीनविच मीन टाइम(GMT) से पांच घंटे और तीस मिनट आगे चलता है, ताकि हर दिशा में स्थित राज्यों में एक ही तरह का टाइम ज़ोन बनाया जा सके।
दरअसल समस्या यह है कि भारत की पूर्व और पश्चिम सीमा की दूरी 2933 किमी है जिस वजह से पूर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त पश्चिम से दो घंटा जल्दी होता है और दोनों ज़ोन के समय में विविधता आ जाती है। दो राज्यों के समय में अंतर होने की वजह से औपचारिक कार्यों और घटनाओें के समय को दर्ज करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
इसलिए आजादी से महज़ सोलह दिनों बाद ही भारत सरकार ने मानक समय के तौर पर इंडियन स्टैंडर्ड टाइम कि घोषणा की। हांलाकि कोलकाता और मुंबई में 1955 तक अपने स्थानीय समय को बरकरार रखा गया। इंडियन स्टैंडर्ड टाइम को दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो द्वारा लोगों तक पहुंचाया जाता है और इंडियन रेलवे भी इसी समय का अनुसरण करता है। इस समय को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित शंकरगड़ किले से 82.58* E लांगिट्यूट कि दिशा पर मापा जाता है।