जानिए क्यो बांधते है कलाई पर पचरंगी धागा
इस धागे को कलाई पर बांधने से शरीर में वात, पित्त तथा कफ के दोष में सामंजस्य बैठता है. माना जाता है कि कलावा बांधने से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसे गंभीर रोगों से काफी हद तक बचाव होता है. शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण हाथ की कलाई में होता है, इसलिये इसे बांधने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। कलावा बांधने से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसे गंभीर रोगों से काफी हद तक बचाव होता है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के मस्तक पर जो चन्द्रमा विराजमान हैं, उन्हें चन्द्रमौलि कहते हैं। पुराणों में मौलि बांधना कब आरंभ किया गया, इस पर कुछ कथाएं भी उल्लिखित हैं। कहते हैं कि कलावा यानी मौलि बांधने की परंपरा की शुरुआत देवी लक्ष्मी और राजा बलि ने की थी।