अफोर्डेबल हाउजिंग स्कीम के लिए लैंड बैंक तैयार कर रही है मोदी सरकार
अब सभी सरकारी विभागों को गैर उपयोगी जमीन की पहचान करनी होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से ये आदेश सरकारी विभागों को दिया गया है। खासतौर पर विकसित सरकारी कॉलोनियों में इन जमीनों की तलाश करने को कहा गया है ताकि अफोर्डेबल हाउजिंग प्रोजेक्ट्स की योजना तैयार की जा सके। 2022 तक सभी को अपना घर देने के वादे पर अमल को अगले आम चुनाव में बीजेपी अपनी जीत का मंत्र मानकर चल रही है। अधिकारियों ने बताया है कि सरकार अफोर्डेबल हाउजिंग स्कीम को गति देने के लिए लैंडबैंक तयार करना चाहती है।
इस प्रयास के चलते पीएमओ को उम्मीद है कि जमीनों की तलाश की जा सकेगी और फिर राज्य सरकार से इन जमीनों केी उपलब्धता को लेकर प्रस्ताव भेजने को कहा जाएगा। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पूरी प्रगति पर पीएमओ बारीकी से नजर रख रहा है। हमारा अनुभव है कि कुछ राज्य दूसरे की तुलना में अच्छा कर रहे हैं। उन्होंने लाभार्थियों की लिस्ट तैयार कर ली है और भूमि की उपलब्धता को लेकर भी वहां कोई समस्या नहीं है। इसलिए सभी मंत्रालयों को आदेश दिए गए हैं कि वे एक लिस्ट तैयार कर लें कि किन कॉलोनियों में नए घर का निर्माण किया जा सकता है। शहरी विकास मंत्रालय ने कॉलोनियों में जमीन का चुनाव करना शुरू कर दिया है। अब तक केंद्र सरकार ने 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 90 हजार करोड़ रूपए के हाउजिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है।
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