मोदी ने ईरान दौरे पर किए 12 सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर
भारत के प्रधानमंत्री मोदी अभी ईरान के दौरे पर है जहां वे ईरान के साथ भारत देश के रिश्तों और सबंधों को मजबूत बना रहे है। पीएम मोदी का कहना है कि भारत और ईरान कोई नए दोस्त नहीं है। भारत और ईरान की दोस्ती उतनी ही पुरानी है जितना कि इतिहास पुराना है।
ईरान सबसे मददगार देश
उन्होंने कहा कि एक दोस्त और पड़ोसी के रूप में दोनों देशों ने एक दूसरे से विकास और ख़ुशहाली को साझा किया है। मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो इस बात को नहीं भूल सकते हैं कि गुजरात में 2001 में भूकंप के बाद ईरान पहला देश था, जो मदद के लिए आगे आया था।
पीएम मोदी के ईरान दौरे पर उन्होने आपसी सहयोग के 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, चाबहरा बंदरगाह के विकास और संचालन और चाबहार-ज़ाहेडान के बीच रेलवे लाइन बिछाने संबंधी समझौते प्रमुख हैं। पीएम मोदी ने कहा कि चाबहार बंदरगाह और उससे जुड़ी बुनियादी संरचना के विकास के लिए जो समझौता हुआ है, वह मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद, कट्टरपंथ, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर अपराध के ख़तरे से निपटने के लिए दोनों देश नियमित विचार-विमर्श पर सहमत हुए हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन का अंत मिर्ज़ा ग़ालिब के एक शेर से किया
नूनत गरबे नफ्से-ख़ुद तमान अस्त
ज़े-काशी पा-बे काशान नीन गाम अस्त।
यानी अगर हम अपना मन बना लें तो काशी और काशान के बीच की दूरी केवल आधा कदम होगी। वहीं जब मोदी शेर पढ़ रहे थे तो ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी मुस्करा रहे थे। उन्होंने कहा कि चाबहार बदंरगाह भारत-ईरान के बीच सहयोग का बहुत बड़ा प्रतीक बन सकता है।
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