टॉरंट से फ़िल्म देखने वालों की अब नहीं होगी ‘खैर’, गूगल सिखाएगा सबक
यदि आप टॉरंट वेबसाइट से फ़िल्म देखने के शौकिन है तो सावधान हो जाइए। क्योंकि अब आपको ऐसा करना मुश्किल में डाल सकता है। दरअसल पाइरेसी पर लगाम कसने के लिए सर्च इंजन गूगल सख़्त हो गया है। न सिर्फ़ गूगल बल्कि अन्य सर्च इंजन्स ने भी गूगल की राह पकड़ ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एंटरटेनमेंट फर्म्स के साथ गूगल और अन्य सर्च इंजन्स की नए कोड पर बातचीत चल रही है। इस कोड के तहत पाइरेटिड कॉन्टेंट को सर्च इंजन्स के रिजल्ट्स में आने से रोका जा सकेगा। सीधे तौर पर कहे तो अब टॉरंट वेबसाइट को ढूंढ पाना मुश्किल हो जाएगा और इसका फायदा यह होगा कि लोग पाइरेटेड फिल्में डाउनलोड नहीं कर पाएंगे।
एक जून तक बनेंगे नए नियम
यूके के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की चर्चा के मुताबिक, नए समझौते के हिसाब से सभी कंपनियों को 1 जून तक नए नियम तय करने को कहा गया है। इस संबंध में ब्रिटिश सांसद पीटा जैन बसकॉम्ब ने बताया कि, सर्च इंजन अपने कामों और प्रक्रिया में सुधार को लेकर शुरू से ही को-ऑपरेटिव रहे हैं। यहां आपसी समझौते से समाधान निकालने का फ़ैसला किया गया है।
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पाइरेसी में सबसे बड़ी भूमिका सर्च इंजन की होती है
बता दें कि इंटरनेट पाइरेसी में सबसे बड़ी भूमिका सर्च इंजन की होती है। इसीलिए सबसे पहले उंगली इन्हीं पर उठती है। कॉपीराइट होल्डर्स को अपने कॉन्टेंट की पाइरेसी बचाने के लिए इन सर्च इंजनों के परिणामों से जूझना पड़ता है। बहरहाल सूत्रों की माने तो अब इस स्थिति को सरकार भी गंभीरता से ले रही है। सरकार गूगल और मनोरंजन जगत के प्रतिनिधियों को एकसाथ लाकर इस समस्या के समाधान पर विचार कर रही है।