डिजिटल वॉलेट को आपस में जोड़ेगा RBI, एप टू एप कर सकेंगे ट्रांसफर
एक दौर हुआ करता था जब आपका अकाउंट जिस बैंक में हैं आप सिर्फ उसी बैंक में और उसी ब्रांच में पैसे जमा कर सकते थे लेकिन अब दौर मोबाइल एप से पैसों के लेनदेन तक पहुंच चुका है अब आपका खाता किसी भी बैंक में हो आप उसे एप से जोड़कर किसी के भी खाते में पैसे जमा कर सकते हैं।
नोटबंदी के बाद से ही डिजिटल वॉलेट का काफी चलन बढ़ गया था और अब तो ये हर किसी के मोबाइल में मौजूद है। फिलहाल लोग एप टू एप ट्रांसफर करते हैं लेकिन इसके लिए दोनों एप का एक ही कंपनी का होना जरूरी था पर हाल ही में आरबीआई एक नई गाइडलाइन ला रही है जिसके अनुसार आप किसी भी डिजिटल वॉलेट से दूसरी कपंनी के डिजिटल वॉलेट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
पेटीएम और मोबिक्विक जैसे डिजिटल वॉलिट्स में आपस में पैसे ट्रांसफर किए जा सकेंगे। इसका मतलब यह होगा कि अगर पेटीएम चला रहे हैं तो आप पेमेंट किसी दूसरे डिजिटल वॉलिट में भी कर सकते हैं। सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक जल्द ही यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिए डिजिटल वॉलिट्स को एक साथ जोड़ देगा।
आरबीआई जल्द ही डिजिटल वॉलिट्स में ट्रांसफर और केवाईसी नियमों के लिए गाइडलाइन्स लाने वाली है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि आरबीआई यह भी तय करेगा कि यूपीआई फ्रेमवर्क के जरिए डिजिटल वॉलिट्स में ट्रांसफर पर कितनी फीस लगानी होगी। जानकारी के मुताबिक यूपीआई फ्रेमवर्क शुरू करना और डिजिटल वॉलिट्स में लेन-देन संभव बनाने की ओर आरबीआई गंभीरता से विचार कर रहा है और यह 2-3 महीनों में ऐक्टिव किया जा सकता है।’
अभी डिजिटल वॉलिट्स यूपीआई नेटवर्क को पार्टनर बैंकों के जरिए लेन-देन के लिए यूज कर सकते हैं। यूपीआई के जरिए सीधे लेन-देन का प्लैटफॉर्म मिलने का मतलब यह होगा कि मोबिक्विक चलाने वाला व्यक्ति पेटीएम या फ्रीचार्ज यूज करने वाले मर्चेंट को भी भुगतान कर सकेगा। इससे इन मोबाइल वॉलिट्स की उपयोगिता और बढ़ सकेगी।
मोबिक्विक के चीफ एग्जिक्युटिव बिपिन प्रीत सिंह ने कहा, ’हमारी कंपनी दूसरे डिजिटल नेटवर्क्स के साथ मिल एक मजबूत फाइनैंशल सर्विसेज प्लैटफॉर्म डिवेलप करना चाहेंगे।’ मोबिक्विक के इस समय करीब 5 करोड़ ग्राहक हैं। आरबीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई नेटवर्क से फरवरी महीने में 1900 करोड़ रुपए के 42 लाख ट्रांजैक्शंस हुए हैं। डिजिटल वॉलिट्स की बात करें तो 8350 करोड़ रुपए के 2.6 करोड़ ट्रांजैक्शंस जनवरी में हुए हैं।
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