RBI का बड़ा फैसला – 10 के ये सिक्के हैं लीगल टेंडर
RBI ने बड़ा फैसला सुनाते हुए देश के उन तमाम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं जो वर्तमान में मौजूद दस के सिक्कों को लेने में आनाकानी करते हैं। रिजर्व बैंक ने अपने फैसले में कहा है कि देश में चलन में मौजूद सभी प्रकार के दस के सिक्के वैध हैं। इस फैसले से जनता के बीच फैली भ्रम की स्थिति पर विराम लगेगा। इस फैसले के माध्यम से स्पष्ट किया गया है कि कोई भी सिक्का अमान्य नहीं है और सभी सिक्के चलन में हैं।
सभी सिक्के लीगल टेंडर
RBI ने कहा है कि दस रुपए के सभी प्रकार के सिक्के अलग अलग समय पर जारी किए गए अलग अलग डिजाइनों के सिक्के हैं। इन सिक्कों में शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, 10 की संख्या का बीच में लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का और महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का समेत सभी प्रकार के सिक्के मान्य लीगल टेंडर हैं।
टेन-लीव्स वाले सिक्के पर संशय था
गौरतलब है कि दस रुपये के विभिन्न प्रकार के सिक्कों को लेकर अक्सर लोगों के बीच विवाद होता रहता है। अधिकतर लोगों का कहना है कि केवल दस पत्ती वाला सिक्का ही चलन में है और जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा है और दूसरी तरफ शेर का अशोक स्तंभ अंकित है, बाकी सभी सिक्के नकली हैं। वहीं RBI के एक अधिकारी इन सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए बताया है कि दस रुपए के सभी प्रकार के सिक्के मान्य हैं और वैध रूप से चलन में हैं।
मुद्रा लेने से इंकार राजद्रोह
वहीं इस मामले में कॉरपोरेट मामलों के वकील शुजा ज़मीर का कहना है कि भारत की वैध मुद्रा को लेने से जो कोई भी इनकार करेगा उस पर राजद्रोह का मामला बनता है । ऐसा करने वाले के खिलाफ IPC की धारा 124 (1) के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
2011 में आया रुपये का सिम्बॉल, जिस कारण किये बदलाव
मौजूदा समय में दस के सिक्कों को लेकर सबसे ज्यादा विवाद उस सिक्के पर है जिसके बीच में 10 लिखा है। लोग इसे नकली मुद्रा कहकर लेने से इनकार कर दे रहे हैं। हांलाकि आरबीआई की ओर से भाषा को भेजे एक मेल में जानकारी दी गयी है कि ऐसे सिक्के 26 मार्च 2009 को जारी किए गए थे। और अन्य सिक्कों में 2011 में रुपये का चिन्ह शामिल करने के बाद बदलाव किया गया था।
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