इतने इंतज़ार के बाद मिलता है किसी नए कानून का फायदा
संसद में किसी भी कानून को बनने में कभी-कभी सालों लग जाते हैं तो कभी-कभी ये कुछ महीनों में ही पास हो जाता है। संसद में भी किसी कानून को पास करने की प्रक्रिया काफी जटिल है, इसके पास होने में भी कभी-कभी काफी वक़्त लग जाता है। जब ये पास होता है तब भी इसका फायदा लोगों को एकदम से नहीं होता। हाल ही में एक रिपोर्ट जारी हुई है जिसमें ये बताया गया है कि संसद में पास होने वाले कानून का फायदा मिलने में कितना समय लगता है।
कैसे बनते है कानून
जब भी कोई कानून बनाया जाता है तो उसे सबसे पहले किसी एक सदन जैसे राज्य सभा या लोक सभा में प्रस्तुत किया जाता है। वहां बहुमत से इस कानून पर सहमति बनाई जाती है अगर बहुमत नहीं मिलता है तो कानून में संशोधन भी किए जाते है। संशोधन के बाद जब बहुमत से ये पास हो जाता है तो इसे दूसरे सदन में पेश किया जाता है, जब ये यहां पास हो जाता है तो फिर इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर लिए जाते है और इस तरह एक कानून पास हो जाता है।
कितने दिनों में मिलता है लाभ
किसी भी कानून के बनने के बाद लोगों को लाभ मिलना काफी दिन बाद शुरू होता है। हाल ही में एक विचार मंच विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक संसदीय कानून को अस्तित्व में आने में औसतन 261 दिनों का समय लगता है। इस रिपोर्ट में वर्ष 2006 से वर्ष 2015 के बीच संसद द्वारा पारित 44 कानूनों का विश्लेषण किया गया है।
दो चरणों बाद मिलता है फायदा
कानून पर राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त होने और इसके अस्तित्व में आने के औसत दिनों की गणना की गई है। विश्लेषण में पाया गया है कि आधे से ज़्यादा कानून को लागू होने में छह महीने का समय लगा है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति की सहमति के बाद कानून के क्रियान्वयन के लिए उसे दो और चरणों से गुजरना होता है।
पहला चरण, सरकार को इसे सरकारी राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से अस्तित्व में लाना होता है। दूसरा चरण ज़्यादा आवश्यक नहीं होता है लेकिन कानून को व्यवहार में लाने के लिए यह आवश्यक होता है। दूसरा चरण नियमों का निर्धारण होता है। ज़्यादातर कानून को संसद के प्रत्येक सदन में प्रस्तुत होने के पहले विधायिका द्वारा मंजूर होना जरूरी होता है।
- - Advertisement - -
- - Advertisement - -