बलात्कार के लिए नहीं इस जुर्म के लिए मिली निर्भया के दोषियों को फांसी
हाल ही में निर्भया केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दोषियों की सजा को बरकरार रखा और उन्हें फांसी की सजा दी है। इस फैसले से देश की जनता बहुत खुश हो गई है। उन्हें खुशी है कि इतने दिन की लड़ाई मे जीत आखिर सच की हुई। कई लोग कह भी रहे हैं कि उपर वाले के घर में देर हैं लेकिन अंधेर नहीं।
16 दिसंबर 2012 की रात को दिल्ली की लड़की के साथ इन दरिंदों ने गैंगरेप किया था और उसे ऐसी हालत में छोड़ दिया जिसे सिर्फ सुनकर देशवासियों की रूह कांप गई थी। किसी भी महिला के साथ बलात्कार जैसा घिनौना कृत्य होने के बाद उसकी ज़िन्दगी पूरी तरह बदल जाती है लेकिन निर्भया के साथ तो इससे भी बुरा हुआ था।
कोर्ट के फैसले ने सभी में खुशी की लहर तो ला दी है लेकिन आपको बता दें कि कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है वो निर्भया के साथ हुए बलात्कार को लेकर नहीं है वो फैसला उस पर हुए उन दिल दहला देने वाले घिनौने कृत्य के लिए भी नहीं बल्कि वो सजा इसलिए है क्योंकि निर्भया की मौत हुई थी।
दरअसल चारो दोषियों को बलात्कार के लिए नहीं बल्कि उसकी मौत के लिए धारा 302 के तहत मौत की सजा दी गई है। बलात्कार की धारा 376 में अभी भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगर भयंकर दरिंदगी के बाद भी निर्भया बच जाती तो दोषियों को मौत की सजा नहीं मिलती। जिस दरिंदगी के साथ निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ और फिर उसकी मौत हो गई, उसी के आधार पर चारो को फांसी मिली है।
कौन थे गुनहगार
16 दिसंबर की रात निर्भया के साथ हुई दरिंदगी में मुख्य आरोपियों में एक राम सिंह था। राम सिंह ही उस वक्त बस चला रहा था
। आरोप है कि गैंगरेप करने और लोहे की राॅड से हमला करने के बाद उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था। हालांकि 10 मार्च 2013 को तिहाड़ जेल में रामसिंह ने आत्महत्या कर ली थी।
दूसरा आरोपी मुकेश सिंह था, वो बस क्लीनर था। उसने भी वादरात के बाद लोहे की राॅड से दोनेां को बुरी तरह से पीटा था। इस वक्त मुकेश तिहाड़ जेल में बंद है। इस गैंगरेप में पवन भी शामिल था। जो फल बेचने का काम करता था। उस वक्त वो तिहाड़ के जेल नंबर दो में तीन अन्य साथियो के साथ कैद है।
चैथा आरोपी विनय शर्मा पेशे से फिटनेस ट्रेनर था. जब इसके बाकी साथी रेप कर रहे थे तो ये बस चला रहा था. विनय ने इस साल जेल में आत्महत्या की कोशिश भी की जिसमें वो बच गया. एक दूसरा आरोपी अभय ठाकुर था जो कि बिहार से भागकर दिल्ली आया था। इस पर भी निर्भया के रेप और मर्डर का आरोप है। तिहाड़ में इसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि इसने कहा था कि इसकी जान को खतरा है।
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