आज भी मौजूद है लंकापति रावण का शव
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हिन्दू धर्म के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दिन देशभर में लंकापति रावण का दहन किया जाता है। माना जाता है कि विजयादशमी के दिन भगवान राम ने 9 दिनों तक चले युद्ध के बाद लंका के राजा रावण का वध किया था। समय बीतता गया लेकिन उस समय की यह मान्यता आज भी कायम है। हालांकि जानकारों का मानना है कि वास्तव में रावण का शव जलाया ही नहीं गया था। बता दें कि लंका जिसे आज आप और हम श्रीलंका के नाम से जानते हैं, वहां पर रामायण काल के कई साक्ष्य आज भी मौजूद हैं। इनमें रावण की गुफा, अशोक वाटिका, पुष्पक विमान के उतरने की जगह जैसी और भी कई जगहें शामिल हैं।
नहीं हुआ था रावण का अंतिम संस्कार
कुछ विद्वानों का मानना है कि जब रावण का वध हुआ तो उसका शव कई दिनों तक पड़ा रहा। इसके बाद उसे मानने वालों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया और एक गुफा में ले गए। जहां रावण को फिर जिंदा करने की कोशिशें भी की गई। जब वो असफल रहे तो रावण के शव को जड़ी-बूटियों का लेप लगाकर 17 फीट लंबे और 5 फीट चौड़े एक ताबूत में रख दिया। उन्हें उम्मीद थी कि दशानन एक दिन फिर जिंदा होंगे। दावा किया जाता है कि रावण की वो ममी आज भी उन गुफाओं में रखी हुई है।
श्रीलंका में रावण को लेकर सुनाई जाती हैं कहानियां
जहां एक ओर देशभर में रावण का पुतला जलाया जाता है वहीं भारत के कुछ हिस्से ऐसे भी है जहां रावण की पूजा की जाती है। यहां तक की श्रीलंका में रावण के संबंध में कहानियां सुनाई जाती हैं। बता दें कि श्रीलंका में इन जगहों को लेकर केवल आम धारणा नहीं है बल्कि श्रीलंका की सरकार भी इन जगहों को मान्यता देती है।
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