मालिवाल का पलटवार, विरोधियों के खिलाफ दर्ज करवाई शिकायत
दिल्ली महिला आयोग के कथित भर्ती घोटाले में एक नया मोड़ आ गया है। डीसीडब्यू की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने अब अपने विरोधियों के खिलाफ धावा बोल दिया है। स्वाति ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, डीसीडब्यू की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और किरण वालिया के खिलाफ एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई है।
अपनी शिकायत में मालिवाल ने वित्तीय फर्जीवाड़े का जिक्र किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ”आयोग की पिछली फाइलें खंगालने के दौरान आयोग को पिछली अध्यक्षों, बरखा सिंह और किरण वालिया द्वारा भारी अनियमितताएं एवं सरकारी धन की भारी हेराफेरी करने की घटनाएं सामने आईं। मालिवाल का कहना है कि कुछ घटनाओं को तो सीधे तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निर्देश पर अंजाम दिया गया है। मालिवाल ने अपनी शिकायत में ये आरोप भी लगाया है कि निर्भया के नाम पर भी पचास लाख रुपए का वित्तीय फर्जीवाड़ा किया गया है। यहां तक की मालिवाल ने डीसीडब्यू की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह के व्यवहार पर भी सवाल उठा दिए है।
बता दें कि बीते दिनों डीसीडब्यू की की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह ने मालिवाल के खिलाफ एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी। बरखा ने मालिवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने आप पार्टी के 85 कार्यकर्ताओं और पार्टी के रिश्तेदारों को दिल्ली महिला आयोग में अवैध तरीके से भर्ती दी हैं। सिंह की इस शिकायत के बाद एसीबी ने मालिवाल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 13, 409 आईपीसी 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले पर काफ़ी देर तक मालिवाल से पूछताछ भी की गई थी। अधिकारियों ने उन्हें 27 सवालों की एक प्रश्नावली भी सौंपी है और एक हफ्ते के अंदर जवाब देने के लिए कहा था।
वहीं दूसरी ओर स्वाति ने ख़ुद को लक्ष्मीबाई, सावित्रीबाई, भगतसिंह, सुभाषचंद्र बोस और बिस्मिल का समर्थक बताते हुए कहा था कि वे किसी से भी डरने वाली नहीं हैं। इस पूरे मामले पर स्वाति ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था ’’जब गलत काम नहीं किया तो भगवान से भी नहीं डरना चाहिए। सिस्टम को बदलने के लिए काम करेंगे तो कुर्बानी तो देनी पड़ेगी। जो भर्ती का तरीका दिल्ली महिला आयोग में सालों से अपनाया गया वहीं अपनाया है। जो बदला है वो है काम। दिन रात शिद्दत से काम किया है। स्वाति ने आगे कहा था कि ’’अगर कोई मेरी पूरी ज़िन्दगी में एक रुपए का भ्रष्टाचार सिद्ध कर दे तो मैं अपनी पूरी ज़िन्दगी छोड़ दूंगी। सिस्टम में बैठे निकम्मे और नाकारा लोगों को मेरा महिलाओं के लिए काम करना और सवाल उठाना पसंद नहीं आ रहा । वो मेरे सवालों से और काम से परेशान है।’’