बंद हो जाएंगे अकाउंट्स, 30 अप्रैल तक कर लें ये काम
सोमवार से FATCA ( foreign account tax complience act) के नियमों के तहत जरूरी जानकारी नहीं दिए जाने पर म्युचूअल फंड के निवेशकों , बैंक के खाता धारकों और बीमा योजना में निवेश करने वालों को उनके खातों का संचालन करने से रोक दिया जाएगा। हालांकि ऐसा सभी खाताधारकों के साथ नहीं होगा, बल्कि जिनके खाते 1 जुलाई 2014 से 31 अगस्त 2015 के बीच खुले हैं, उन्हें ही एफएटीसीए नियमों का पालन करना होगा।
जुलाई 2015 में भारत और अमेरिका ने एफएटीसीए पर साइन किए। यह अमेरिका का नया कानून है जिसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच वित्तीय सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था की गई है, ताकि टैक्स चोरों की जानकारी साझा की जा सके। देश की वित्तीय संस्थानों को यहां की टैक्स ऑथेरिटीज को सूचनाएं मुहैया करानी पड़ती हैं, जिन्हें अमेरिका से साझा किया जाता है।
वित्तीय संस्थानों को कहा गया है कि वो निश्चित अवधि में खुले खातों के लिए सेल्फ सर्टिफाइड सर्टिफि केट जमा करवाएं। अगर बैंक खाताधारक टैक्स रेसिडेंसी की डीटेल्स मुहैया करवाने में असफल रहे तो बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के पास खातों को ब्लॉक करने का अधिकार होगा। हालांकि ब्लॉक करने के बाद डीटेल्स देने पर खाते फिर से चालू हो जाएंगे। यह प्रावधान उन्हीं खातों पर लागू होंगे जो एफएटीसीए नियमों के दायरे में आते हैं।
एनपीएस अकाउंट वाले ध्यान दें-
अगर आपने 1 जुलाई 2014 के बाद नेशनल पेंशन सिस्टम अकाउंट खुलवाया है और इसका मैनेजमेंट एनएसडीएल कर रहा है तो एफएटीसीए के तहत रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। आपको ई-मेल , एसएमएस के जरिए सेल्फ सर्टिफिकेशन डाउनलोड करने का लिंक मिला होगा। आप इसे भरकर इसकी हार्ड कॉपी और साक्ष्य के तौर पर जरूरी डॉक्यूमेंट्स को एनएसडीएल-सीआरए के पास जमा करा दें। डॉक्यूमेंट्स पर साइन करना जरूरी है।
म्यूचुअल फंड-
वित्त मंत्रालय की तरफ से 11 अप्रैल 2017 को जारी रिलीज के मुताबिक , जुलाई 2014 से अगस्त 2015 के बीच खुले सभी अकाउंट्स को 30 अप्रैल 2017 तक एफएटीसीए नियमों के तहत लाना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर इनसे लेनदेन बंद कर दिया जाएगा।
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