टूट की कगार पर सपा,अखिलेश ने शिवपाल सहित 4 मंत्रियों को किया बर्खास्त
पिछले तीन महीनों से समाजवादी पार्टी में चल रहा घमासान चरम पर पहुंच गया है। रविवार यानी कि आज सपा में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने आज एक अहम बैठक बुलाई थी इस बैठक में तकरीबन 415 नेता शामिल हुए थे। इस बैठक की में अखिलेश ने एक बड़ा फ़ैसला लिया है। अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अखिलेश ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को सपा से निकाल दिया है। शिवपाल के अलावा अखिलेश ने शादाब फातिब,नारद यादव, ओमप्रकाश सिंह को भी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इतना ही नहीं अखिलेश ने अमर सिंह की करीबी मानी जाने वाली जया प्रदा को भी फ़िल्म विकास परिषद की उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। बता दें कि जया प्रदा को मंत्री का दर्जा मिला हुआ था।
बताया जा रहा है कि ये सभी नेता मुलायम सिंह के काफ़ी करीब माने जाते हैं। बहरहाल, अखिलेश ने बर्खास्ती की ये चिट्ठी राज्यपाल राम नाइक को भेज दी है। बर्खास्ती के बाद शिवपाल यादव सपा प्रमुख मुलायम सिंह से मिले। मुलाकात के कुछ ही देर बाद शिवपाल ने बीजेपी से हाथ मिला लिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेस में शिवपाल ने रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया।
कौन-कौन हुआ इस बैठक में शामिल
इस बैठक में उदयवीर सिंह, सुनील साजन, आनंद भदौरिया, संजय लाठर भी शामिल हुए हैं। इनके अलावा पार्टी से निकाले गए सभी नेता बैठक में शामिल हुए है। बता दें कि इस बैठक में अखिलेश ने करीब 24 विधायकों को नहीं बुलाया हैं। इन नेताओं में शिवपाल यादव का नाम भी शामिल है। दरअसल, अखिलेश ने शिवपाल को इस बैठक में शामिल होने के लिए न्योता ही नहीं दिया था।
अमर सिंह को कहा दलाल
अब तक अखिलेश जिसे अंकल कहते थे उन्हें आज अखिलेश ने दलाल कह दिया। बता दें कि अखिलेश ने इस बैठक में अमरसिंह की कड़े शब्दों में आलोचना की। उन्होंने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अमरसिंह को दलाल कहा।
अखिलेश के शक्ति प्रदर्शन से पहले रामगोपाल की चिट्ठी
वहीं दूसरी ओर अखिलेश के शक्ति प्रदर्शन से पहले सपा में एक और चिट्ठी बम फोड़ा गया है। इस बार ये चिट्ठी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के भाई रामगोपाल यादव ने लिखी है। इस चिट्ठी के ज़रिए रामगोपाल ने अखिलेश के विरोधियों को निशाने पर लिया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं के नाम एक चिट्ठी लिखी है जिसमें अखिलेश विरोधियों को आड़े हाथों लिया।
रामगोपाल ने कहा, विरोधी अखिलेश की रथ यात्रा में अड़चन डालने की साजिश कर रहे हैं। रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस बन गई है। रामगोपाल ने लिखा है कि कुछ लोग ग़लत बयानबाजी कर रहे हैं। हमारी सोच सकारात्मक है, जबकि विरोधियों की सोच नकारात्मक है। वो अखिलेश को हराने की साजिश रच रहे हैं। सुलह की कोशिश के जरिए अखिलेश की यात्रा रोकने की साजिश की जा रही है।
इतना ही नहीं रामगोपाल ने आगे लिखा, अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे। न डरें, न विचलित हों। जहां अखिलेश-वहां विजय। बहरहाल आगे उन्होंने कार्यकर्ताओं से अखिलेश के समर्थन में जुटने की अपील की है ताकि अखिलेश की फिर सरकार बने। ग़ौरतलब है रामगोपाल से पहले एमएलसी उदरवीर ने मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने अखिलेश का समर्थन किया था। इसके साथ ही उन्होंने अखिलेश की सौतेली मां साधना का भी जिक्र किया था। हालांकि उदयवीर की इस चिट्ठी का असर कुछ इस कदर हुआ कि उन्हें शनिवार को सपा को छोड़ना पड़ा। उन्हें पाटी से निकाल दिया गया।