कभी लोगों के घर कोरियर पार्सल करता था, ऐसे बना 1800 करोड़ का मालिक
प्रोफेशन कोई भी हो, चाहे वह चमक-धमक वाला हो या साधारण, और साधारण में भी चाहे वह प्रोफेशन कितना भी मामूली क्यों न हो लेकिन उसमें भी कुछ हम उस्ताद महारथी होतें हैं. आज हम उसी साधारण से मामूली प्रोफेशन में महारथ हासिल कर एक अरबपति के रूप में अपनी पहचान बनने वाले एक शख्स की बात कर रहे हैं। यह अरबपति अपनी काबिलियत को अपनी हिम्मत से साबित करवाकर इस टॉप लेवल पर आया है।
डिलीवरी ब्वॉय ने कैसे खड़ा किया सक्सेसफुल कोरियर एम्पायर ?
एक वक़्त वह अरबपति देश के विभिन्न शहरों से आने वाले प्रोडक्टस के पार्सल्स उसकी डेस्टिनेशन तक पहुंचाने के लिए दिन-रात बिना थके डिलीवरी देने वाला एक कोरियर कंपनी का डिलीवरी ब्वॉय था और इस अनुभव को प्रयोगों पर सिद्ध कर उसने एक सक्सेसफुल कोरियर एम्पायर खड़ा कर लिया और इस समय चीन के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक है। कल भी उसका प्रोफेशन कोरियर डिलीवरी करने वाले का था और आज भी उसका प्रोफेशन यही है, फर्क बहुत बड़ा है, और वो यह कि कल वो गरीब था लेकिन आज अरबपति है.
1800 अरब रुपए का मालिक बना
एस.एफ.एक्सप्रेस के हेड वांग वेई ने अभी एक सप्ताह पूर्व ही अपनी कम्पनी को स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड करवाया था और इसी एक सप्ताह में उनकी व्यक्तिगत परिसंपत्ति 22.5 बिलियन पाउंड (1800 अरब रुपए) के अकल्पनीय स्तर पर पहुंच गई है।अर्थात रियल एस्टेट के बिजनेस में टॉप वांग जियानलिन (2100 अरब रुपए) तथा ई-कामर्स बिजनेस में टॉप जैक मा (1900 अरब रुपए) के बाद 46 वर्षीय कोरियर बिजनेस में टॉप वांग वेई चीन के थर्ड मोस्ट रिचेस्ट पर्सन के रूप में फेमस हो गए हैं।
स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग से आये गुड रिजल्ट
एस.एफ. एक्सप्रैस ने चीन के शेनझेन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की सारी प्रोसेस गत शुक्रवार को कंप्लीट कर दी थीं और इस लिस्टिंग के गुड रिजल्ट के कारण कपेटलाइज़ेशन की दृष्टि से अपनी प्रतिद्वंदी जेड.टी.ओ. एक्सप्रेस को पछाड़ते हुए चीन की सबसे बड़ी कोरियर कम्पनी बन गई है। डी.टी.ओ. ने न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज में अक्टूबर में अपनी लिस्टिंग करवाई थी। इससे पहले उसे 114 अरब रुपए की कैपिटल जनता से जुटानी पड़ी थी।
चीन के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँच
एस.एफ.एक्सप्रेस की लिस्टिंग ने इस कम्पनी के संस्थापक और चेयरमेन वांग वेई को करोड़पति के खिताब से बाहर कर अरबपति, वो भी कई अरब रुपए की सम्पत्ति का मालिक बना दिया है। यदि इसकी बाजार हिस्सेदारी वर्तमान गति से बढ़ती रही तो वांग वेई जल्दी ही चीन के सबसे बड़े धनकुबेर बन जाएंगे। चीन के लगभग प्रत्येक नागरिक ने या तो एस.एफ.एक्सप्रेस के माध्यम से गत एक दशक के दौरान कभी न कभी कोई पार्सल भेजा या उसे इसके माध्यम से पार्सल प्राप्त किया होगा। वांग वेई के कोरियर डिलीवरी टीम में 12000 लोग एम्प्लॉई हैं और वे करोड़ों रुपये के सामान से लेकर एक चूजे के पंजे पर चढ़ाने वाली पोटली तक की डिलीवरी चीन के किसी भी शहर, कस्बे या गांव में करते हैं।
असंभव को भी स्वीकार कर संघर्ष से हासिल की सफलता
युवाओं के आइडियल बन चुके वांग वेई का करियर 24 वर्ष पूर्व तब शुरू हुआ था जब वह कपड़े का व्यापारी थे। तब उन्हें अपने शहर ग्वांगदांग से पड़ोस के महानगर हांगकांग में अपने ग्राहकों को कपड़े के सैंपल भेजने के लिए काफी कठिनाई का होती थी। दो दशक पूर्व चीन के लोगों के लिए हांगकांग में कोई पार्सल या पत्र भेजने का एक ही रास्ता था, वो था सरकारी डाक व्यवस्था। यह महंगी होने के साथ-साथ बहुत धीमी कछुआ चाल से डिलीवरी करती थी। एक ही दिन में माल पहुंचा देना और दूसरी ओर से कुछ मंगवा लेना उस समय सपना ही था। बहुत महत्वाकांक्षी प्रोफेशनल्स एवं बिजनेस पर्सन्स को भी यह कोरी कल्पना ही लगती थी। वांग को इस चैलेंज को स्वीकार कर उसमें सफलता की आशा देखने लगे और इस काम को अंजाम तक पहुँचाने हेतु संघर्ष की राह चुन ली । इसलिए 22 वर्ष की आयु में उसने अपने पिता से 11,800 पौंड (9 लाख 65 हजार रुपए) का लोन लिया और एक लघु कोरियर कम्पनी शुरू कर दी। उस समय इस कम्पनी में केवल 6 कर्मचारी थे। यह कम्पनी ग्वांगदांग की फैक्टरियों से प्रोडक्ट्स हांगकांग शहर तक कोरियर द्वारा भेजने में सहायता देती थी। उन दिनों हांगकांग ब्रिटिश उपनिवेश था।
शंघाई में जन्मा हॉन्गकॉन्ग में पला-बढ़ा
वांग का जन्म चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में हुआ था। उनके पिता रूसी भाषा के अनुवादक थे और मां एक यूनिवर्सिटी में अध्यापक थी। वह अपने माता-पिता के साथ 7 वर्ष की आयु में हांगकांग चला गया था और वहीं पला-बढ़ा था।
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