यहां होती है अजीबों-गरीब उपायों से बारिश
देश में पानी की कीमत तो सभी जानते है कि गर्मियों में कितनी मुश्किलों से पानी मिल पाता हैं। कई बार तो लोगों के झगड़े, हत्याए तक हो जाती है। गर्मियों के बाद पानी के बरसने और मानसून का इंतजार रहता है कि कब पानी बरसेगा और प्यासी धरती से भीनी खूश्बू आएगी। कब पानी की कमी पूरी होगी और चारो ओर ठंडक होगी। बारिश के आने का इंतजार सिर्फ इंसानों को ही नहीं रहता बल्कि जानवरों, पेड़-पौधों, चट्टानों, पहाड़ों, नदियों, पक्षियों सभी को रहता है। क्योंकि इनका भी पानी के बिना कोई वजूद नहीं है। कभी-कभी बारिश को आने में बहुत देर हो जाती है और लोग चिंता करने लगते है कि बारिश होगी या नहीं, बारिश के देर से होने के कारण दुनिया में काफी कुछ प्रभावित भी होता है जैसे फसले, उधोग और जीवन। बारिश को जल्दी बुलाने के लिए भारत में कई तरह के उपाय किए जाते है जिनके बारें में हम आपको बताने वाले है। ये उपाय आपको सुनने में भले ही अजीब लगें पर आज भी लोग इन उपायों में आस्था और विश्वास रखते है।
1. मेंढकों की शादी
भारत के कई इलाकों में बारिश में अगर देर होती है तो मेंढ़को की शादी कराई जाती है। यहां पर मेंढकों की शादी पूरे रस्मों रिवाज के साथ कराई जाती है। महाराष्ट्र और असम ऐसे दो राज्य है जहां पर अधिकतर बरसात को बुलाने के लिए मेंढकों की शादी कराई जाती है।
2. वरूण यज्ञ
वरूण देव को जल का देवता माना जाता है इन्हे प्रसन्न करने के लिए देश में कई जगह यज्ञ कराएं जाते हैं, जिसे वरूण यज्ञ कहा जाता हैं। वरूण यज्ञ महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक के कई भागों में किया जाता है। इस यज्ञ में ब्राहम्ण पानी में बैठकर यज्ञ व हवन करते है और वरूण देव को प्रसन्न करते है। ब्राहम्णों का मानना है कि वरूण यज्ञ से वरूण देव प्रसन्न होते है और शीघ्र वर्षा करते है।
3. कीचड़ में लेट कर प्रार्थना
यूपी के ‘नारी-बारी’ में बारिश को बुलाने के लिए बच्चों को कीचड़ में लेटाया जाता हैं। बच्चें कीचड़ में लेटकर भगवान से बरसात के लिए प्रार्थना करते है।
4. शिव आराधना
झारखंड में भी बारिश को बुलाने के लिए एक उपाय किया जाता है जिसमें भगवान शिव की आराधना की जाती है। इसमें भगवान शिव के मंदिर के सामने लोग कपड़े उतार के हाथ में लाठी लेकर लेटते है इनका मानना है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते है और वर्षा होती है।
5. खेत जोतना
यूपी के कई सूखाग्रस्त इलाकों में आज भी कई किसान अपने सूखे खेतो में शाम के समय जुताई करते है। ताकि पानी बरसें।