अब फ्री में नहीं होगा एप डाउनलोड, सरकार बदल रही नियम!
आजकल हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन होता है। उसके मोबाइल में एप्स भी मौजूद होते हैं। अक्सर एप्स डाउनलोड करते समय हम सोचते हैं कि ये एप तो फ्री है और हमारा सोचना सही भी होता है क्योंकि हम एप डाउनलोड करने से पहले कोई पैसा नहीं दे रहे हैं। आप एप चाहे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें, ऐपल के एप स्टोर से करें या माइक्रोसॉफ्ट के स्टोर से करें। यहां जरूरत के सभी एप्स मुफ्त ही रहते हैं।
अभी तक तो आप एप्स को फ्री में डाउनलोड करते आ रहे थे लेकिन आने वाले समय में इंडियन यूजर्स को इसके लिए पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ऐसा पहला देश है जहां सभी विदेशी ऑनलाइन कंपनियों से गूगल टैक्स लिया जाएगा। आइए आपको इस गूगल टैक्स के बारे में बताते हैं…
क्या है गूगल टैक्स
बजट में किए गए ऐलान के मुताबिक कोई शख्स या कंपनी वित्तिय वर्ष में 1 लाख रुपये से ज्यादा किसी ऐसी कंपनी को पेमेंट करते हैं जो भारत की टेक्नॉलोजी कंपनी नहीं है तो उससे ग्रॉस अमाउंट का 6 प्रतिशत टैक्स वसूला जाता है. यह नियम तब लागू होगा जब कंपनी भारत की स्थाई नहीं होगी. अमूमन यह टैक्स टेक्नोलॉजी कंपनियों पर ही लागू होता है.
ऐप डाउनलोड करना पड़ सकता है महंगा
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन सभी ऑनलाइन मल्टीनेशनल कंपनियों से 6 प्रतिशत टैक्स वसूलेगी जो भारत से रेवेन्यू कमाते हैं। यानी अगर गूगल से टैक्स लिया गया तो असर आपके स्मार्टफोन से डाउनलोड किए गए ऐप पर भी पड़ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार इस टैक्स का दायरा कई चरणों में बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें कहा गया है, ‘पहले यह तय हुआ था कि इस साल के दिसंबर महीने से यह टैक्स गूगल और ऐपल से खरीदे गए ऐप्स पर भी लागू होगा। हालांकि दूसरे रेग्यूलेटरी बदलाव की वजह से इसे आगे के बढ़ा दिया गया था।’
मौजूदा दौर में किसी भी देश में ऐसा प्रावधान नहीं है. भारत पहला ऐसा देश है जहां ऐसे टैक्स का प्रावधान हैं. इससे उन बिजनेस पर प्रभाव पड़ता है जो अपने प्रोडक्ट्स के प्रचार के लिए गूगल, फेसबुक और अमेजॉन जैसी ऑनलाइन विदेशी डिजिटल कंपनियों पर अपना प्रचार करती हैं।
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