वुमेन्स डे: अपनी आजादी को एन्जॉय कर रहीं हैं सिंगल वुमेन….
शादी और बच्चे को औरत की संपूर्णता से जोडऩे वाला नजरिया वक्त के साथ बदला है। अब सिर्फ शादी और बच्चे पैदा करना ही किसी महिला की प्राथमिकता नहीं रह गई। अब महिलाएं करियर, सामाजिक रूतबा और मन मुताबिक जिन्दगी जीने को भी तवज्जो देने लगी हैं। यही वजह है कि कई महिलाएं शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहतीं। महिलाओं की शिक्षा और उनकी आत्मनिर्भता ने उनकी स्थिति बदली है। सौ फीसदी न सही, लेकिन शिक्षित वर्ग की महिलाओं का एक बड़ा तबका अब अपनी शर्तों पर जिन्दगी जी रहा है। समाज क्या कहेगा, इसकी चिंता छोड़कर वही करती हैं जो उनका दिल करता है। तभी तो आज अनमैरिड वुमेन्स की संख्या पहले से कहीं ज्यादा बढ़ी है। खास बात तो ये है कि इन सिंगल वुमेन्स को अपने अकेलेपन से कोई शिकायत नहीं है। ये जिन्दगी की रेस में जीत दर्ज कराते हुए आगे बढ़ रही हैं और अपनी आजादी को पूरी तरह एन्जॉय कर रही हैं।
नही है समाज और लोगों की परवाह…
ऐसा नहीं है कि आज के मॉडर्न युग में सिंगल वुमन को लेकर समाज का नजरिया बिल्कुल पॉजिटिव हो गया है। हां, कुछ बदलाव जरूर हुए हैं। अब समाज उन्हें खुलेतौर पर स्वीकारने लगा है। आज की महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं, अपने करियर के प्रति एक्टिव हैं और अपने डिसीजन लेने में पूरी तरह सक्षम भी। ऐसे में उन्हें अपनी बराबरी का पार्टनर नहीं मिलता तो वे अकेले रहने का फैसला कर लेती हैं। लोग और समाज क्या कहेगा इसकी चिंता उन्हें नहीं सताती।
इसलिए है शादी से परहेज –
कुछ महिलाएं शाादी इसलिए नहीं करतीं, क्योंकि उन्हें सही पार्टनर नहीं मिलता। कुछ रिश्तों के बंधन से बंधने से अच्छा अकेले रहना पसंद करती हैं। तो कुछ अपनी जिन्दगी के बाकी कामों मे इस कदर खो जाती हैं कि उन्हें शादी की जरूरत ही महसूस नहीं होती। साइकोलॉजिस्ट नीता शेट्टी कहती हैं कि न्यूक्लियर फैमिली के बढ़ते ट्रेंड के कारण लोग शेयर करना, एडजस्टमेंट और त्याग जैसे शब्दों का मतलब नहीं समझ पाते। ऐसे में किसी दूसरे के साथ एडजस्ट होने में उन्हें दिक्कत होती है। इसी डर से कई लोग शादी नहीं करते। इसके अलावा महिलाओं में बढ़ता सेल्फ कॉन्फिडेंस और लिव इन रिलेशन के बढऩे ट्रेंड के कारण भी महिलाएं शादी करना जरूरी नहीं मानतीं। यहीं वजह है कि ये महिलाएं शादी से दूर रहती हैं।
नहीं महसूस होता अकेलापन-
एक एनजीओ से जुड़ी इंद्राणी सरकार कहती हैं कि मैंने 12 साल की उम्र में ही तय कर लिया था कि मैं शादी नहीं करूंगी। मैं लोगों की सेवा करना चाहती थी। मुझे लगता था कि शादी करने के बाद मैं अपने लक्ष्य में कामयाब नहीं हो पाएंगी। मेरा मानना है कि आप जो भी करो उससे खुश रहो और उसे अपना 100 प्रतिशत दो। जहां तक अकेलेपन का सवाल है , तो मुझे आज तक ऐसा महसूस नहीं हुआ। वैसा देखा जाए तो अकेलापन मन की स्थिति है वरना लोग हजारों की भींड़ में भी खुद को अकेला महसूस करते हैं। मगर जो लोग अपने काम से खुश होते हैं उन्हें अकेलापन बिल्कुल महसूस नहीं होता।
सिंगल लेकिन सक्सेसफुल-
पॉलिटिक्स से लेकर ग्लैमर की दुनिया तक कई ऐसी कामयाब महिलाएं हैं, जिन्होंने शादी नहीं की।
आशा पारेख- एक्ट्रेस
सुरैया- एक्ट्रेस
नंदा- एक्ट्रेस
सुलक्षणा पंडित – सिंगर
लता मंगेशकर- सिंगर
ममता बैनर्जी – पॉलिटिशियन
मायावती- पॉलिटिशियन
उमा भारती- पॉलिटिशियन
अपनी पहचान बनने लगी है….
शादी को लेकर हर किसी का नजरिया अलग है, किसी को ये सुनहरा सपना लगता है तो किसी को कैद। जिसमे बंधने के बाद उनका जीवन खत्म हो जाता है। लेकिन आज 21वीं सदी की सिंगल वुमन अपनी आजादी को एन्जॉय कर रही हैं। अपनी जिन्दगी अपने तरीके और अपनी मर्जी से जीने में उन्हें मजा आता है। कभी परिवार, पति, बच्चों के लिए ही जीने वाली भारतीय महिलाएं अब अपने लिए ही जीना चाहती है। वो अपनी खुशी के लिए अपनी पसंद का काम भी कर रही हैं। 30 साल की स्नेहा कहती हैं कि अब औरतों की पहचान सिर्फ किसी की बेटी और मां के रूप में नहीं है, दुनिया अब उन्हें उनके नाम और काम से पहचानने लगी है। इन सबसे उन्हें खुशी और सुकून मिलता है। इसलिए सिंगल रहने में कोई हर्ज नहीं है।
शादी से दूर भाग रही महिलाएं-
द इकॉनॉमिसट मैग्जीन द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक एशियाई महिलाएं शादी से दूर भाग रही हैं। सर्वे के अनुसार महिलाओं की शादी में घटती दिलचस्पी की वजह शादी के बाद कामकाजी महिलाओं पर शादी के बाद बढ़ता बोझ है। शादी के बाद पति, उनके पैरेंट्स, बच्चे और अपना करियर बनाना , इन सब का बोझ कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है। साथ ही महिलाओं का वेल एजुकेटिड और आत्मनिर्भर होना भी इसकी एक वजह है।
फिर भी इतनी आसान नहीं लाइफ-
अपनी मर्जी और खुशी से अकेले रहने का फसैला करने वाली महिलाओं के लिए जिन्दगी इतनी भी आसान नहीं होती। शुरूआत में आजाद जिन्दगी बहुत अच्छी लगती है, लेकिन बाद में अकेलापन महसूस होने लगता है। साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक एक उम्र के बाद अकेलापन महसूस होने लगता है , अपने आसपास ऐसे लोगों को देखकर जिनका भरापूरा परिवार है, आप खुद को बेहद अकेला महसूस करते हें। ऐसी कई समस्याओं के बाद भी महिलाएं अपनी इस जिन्दगी को एन्जॉय कर रही हैं।
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