यहां बनेगा द्वापरयुग की झलक दिखाने वाला विश्व का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर
मान्यता है कि द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। यही कारण है कि मथुरा, वृंदावन, गोकुल सहित पूरे ब्रेज क्षेत्र में श्रीकृष्ण के अनेक प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर हैं। लेकिन यहां वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण से समर्पित चंद्रोदय मंदिर बनाया जा रहा है, जो केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व का सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर होगा। इस मंदिर का निर्माण इस्कॉन की बैंगलोर इकाई की योजना के आधार पर किया जा रहा है। जिसकी लागत 300 करोड़ रूपए अनुमानित है।
8 से ज्यादा तीव्रता पर भी सुरक्षित रहेगा मंदिर-
योजना के मुताबिक मंदिर की कुल ऊंचाई 700 फुट होगी। जो किसी 75 मंजिला स्काईस्क्रेपर बिल्डिंग के बराबर होगी। कहा जा रहा है कि ये मंदिर बन जाने के बाद ये विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बन जाएगा। वास्तव में इस मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर वास्त़ुशैली अऔर आधुनिक वास्तुशैली के कॉम्बिनेशन के आधार पर हो रहा है। इसमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे रिक्टर स्केल पर 8 से ज्यादा तीव्रता का भी भूकंप आने पर भी मंदिर सुरक्षित रहे।
बनाए जांएगे कृष्णकालीन वनमंडल के 12 वन-
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को द्वापरयुग की झलक देखने को मिलेगी। इसके लिए मंदिर में 26 एकड़ इलाके में 12 आर्टिफिशियल वन जाएंगे। ये पूरी तरह श्रीमद्भागवत गीता और अन्य धर्मशास्त्रों में वर्णिमें द्वापरयुग में श्रीकृष्ण के काल के ब्रजमंडल के 12 वनों के आधार पर बनाए जाएंगे। इससे यहां का वातावरण उस काल के ब्रज का आभास देगा।
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