विदेश में रहकर मेडिकल की पढ़ाई करने वालों को वहीं रहने की छूट नहीं देगी सरकार
डॉक्टरों की कमी को देखते हुए भारत सरकार ने विदेशों मे डॉक्टरों की पढ़ाई कर वहीं स्थाई रूप से बसने की इच्छा रखने वाले भारतीय डॉक्टरों पर सख्ती बरतते हुए उन्हें एनओसी ना देने का फैसला किया है। सरकार द्वारा एनओसी ना देने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सरकार एनओसी लेटर देकर भारतीय डॉक्टरों के स्थाई तौर पर विदेश में रहने की इच्छा को पूरी नहीं कर सकती। जिसमें ये घोषित करना होता है कि भारत को इनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है, जबकि भारत में डॉक्टरों की बहुत कमी है।
महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच के सामने दायर की गई याचिका के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल कर अपना पक्ष रखा। एसोसिएशन ने सरकार द्वारा 2015 में लागू किए गए उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके मुताबिक सरकार ने अमेरिका में डॉक्टरी की पढ़ाई पढऩे वाले छात्रों को एनओसी देने से इंकार कर दिया था, जिससे वो हमेशा के लिए अमेरिका में रह सकें। एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले को मानवीय अधिकार और जीने के अधिकार का उल्लंघन बताकर हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी।
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