स्वयंसेवी दशहरे से पहनेंगे फुल पैंट
आरएसएस ने अपने ड्रेसकोड में खाकी नेकर की जगह भूरे रंग की फुल पैंट करने का फैसला तो कर दिया है, लेकिन पहली बार संघ प्रमुख से लेकर सभी स्वयंसेवक एक साथ नए ड्रेसकोड में दशहरे के दिन दिखेंगे। इसी दिन नए गणवेश में सर संघसंचालक मोहन भागवत अपना संबोधन देंगे।
संघ के एक प्रचारक के अनुसार दशहरे का दिन संघ ओर स्वयंसेवकों के लिए बहुत अहम है। इसी दिन डॉ.हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। उन्होंने बताया कि हम नया गणवेश दशहरे के दिन से पूरी तरह लागू करने की सोच रहे हैं, तब तक का वक्त भी मिल जाएगा और स्वयंसेवकों तक नया ड्रेसकोड भी पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि पचार हजार से ज्यादा गांवों , कस्बों और शहरों तक यह बदलाव करना है तो इतना समय तो लग ही जाएगा।
हर जिला को मिलेगी जानकारी-
एक सीनियर अधिकारी के अनुसार केंद्रीय स्तर से क्षेत्रीय स्तर और फिर प्रांतीय स्तर तक ड्रेसकोड बदलने का संदेश पहुंचाया जाएगा। कौन सा भूरा रंग फुल पैंट के लिए इस्ेतमाल करना है ,कौन सा कपड़ा इस्तेमाल होना है , इसकी जानकारी सबको दे दी जाएगी। पैंट खादी की होगी। प्रांतीय स्तर की टीम जिला स्तर तक यह जानकारी देगा और हर जिला नए ड्रेसकोड की तैयारी करेगा।
काफी मुश्किल के बाद बदली नेकर-
नेकर की जगह फुल पैंट की कवायद पिछले छह साल से चल रही थी। लेकिन संघ के भीतर ही इसका बहुत विरोध किया गया। जब उस समय इस बात पर सहमति नहीं बनी तो तय हुआ कि अगले पांच साल बाद ही इस पर चर्चा होगी। जिसके बाद पिछले साल टाप बॉडी मीटिंगं में इस पर बात की गई। लेकिन तब भी सहमति नहीं बन पाई। सूत्रों के अनुसार संघ के कई सीनियर्स ने इस बात पर जोर दिया है कि युवाओं को जोडऩे के लिए बदलाव बहुत जरूरी हैं, जिसके बाद अब नेकर बदलकर फुल पैंट करने का फैसला ले लिया गया।
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